बिलासपुर के यातायात दबाव को दूर करने के लिए बनाए गए तुर्काडीह बाईपास के 8 साल बाद ही जर्जर हो गई. करोड़ों रुपए की लागत से बने पुल के निर्माण में अनियमितता और घोटाला की रिपोर्ट आने के बाद शासन प्रशासन सकते में आ गई. आनन फानन में इसे फिर से बनाने की प्रक्रिया शुरु की और पुल को बनाने के लिए पुल में प्रवेश प्रतिबंध कर दिया.जिसके कारण पुलिस से भारी वाहनों के साथ-साथ ग्रामीणों को भी आने-जाने में प्रतिबंधित कर दिया गया और ग्रामीणों अपनी रोजमर्रा के काम करने के लिए अरपा नदी को नींचे से पार करने के लिए मजबूर हो गए.पुल के पुनर्निर्माण का काम 2 साल मे भी पूरा नहीं हो सका और पीडब्लूडी विभाग जल्दी ही पुल को प्रारंभ करने की बात कह रहे है. पीडब्लूडी के इस लापरवाही को देखते हुए कलेक्टर ने अधिकारियों को जम कर फटकार लगाई और सप्ताह भर के अंदर पुल को प्रारंभ करने की वास्तवित तिथि बताने के निर्देश दिए है.साथ ही पुल में निर्माण में गड़ बड़ी करने वालों के खिलाफ शासन स्तर पर कारवाई करने की बात कहीं.
