संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को लेकर जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर हंगामा बढ़ गया है. अलगाववादी नेताओं ने अफजल गुरु की अस्थियों की मांग करते हुए बंद का ऐलान किया है.
अफजल गुरु को 9 फरवरी 2013 को फांसी दी गई थी. फांसी दिए जाने के बाद से ही कश्मीर घाटी में उसकी अस्थियों को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं. अलगाववादी नेताओं के कश्मीर बंद ऐलान को देखते हुए बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं.
मकबूल भट को लेकर भी विरोध
अलगाववादियों ने 11 फरवरी को मकबूल भट को फांसी पर लटकाए जाने के विरोध में भी बंद का ऐलान किया है. जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के संस्थापक भट को 11 फरवरी 1984 को फांसी दी गई थी. भट को कश्मीर घाटी में एक भारतीय खुफिया अधिकारी की हत्या का दोषी पाया गया था. इन दोनों को फांसी दिए जाने के बाद उनकेअवशेषों को जेल के अंदर ही दफना दिया गया था.
तीन दिनों तक बंद का ऐलान
सूत्रों के मुताबिक, 9, 10 और 11 फरवरी को कश्मीर घाटी के कई इलाकों में कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगाए गए हैं. एहतियातन पुलिस ने कुछ अलगाववादी नेताओं को हिरासत में भी लिया है. सीआरपीएफ के आईजी अतुल कारवाल मे कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर हालात पर नियंत्रण पाने की कोशिश है. किसी भी तरह से उपद्रव न होने देने का प्रयास किया जा रहा है.