सियाचिन में 6 दिनों तक बर्फ के नीचे दबे रहकर जिंदा बचने वाले लांस नायक हनुमंतप्पा ने गुरुवार को दिल्ली के आर.आर. अस्पताल में आखिरी सांस ली. देर रात उनका शव कर्नाटक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में रखा गया था. हुबली एयरपोर्ट पर कर्नाटक के सीएम सिद्दारमैया ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया शोक
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी लांस नायक के निधन पर शोक जताया है. हनुमंतप्पा की मां को अपने संदेश में राष्ट्रपति ने कहा, ‘मैं आपके बेटे की मौत की खबर सुनकर बहुत आहत हूं.’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताते हुए कहा कि देश को हनुमंतप्पा पर गर्व है.19वीं बटालियन के मद्रास रेजिमेंट के 33 साल के सैनिक अपने पीछे पत्नी महादेवी अशोक बिलेबल और दो वर्षीय बेटी नेत्रा को छोड़ गए हैं.
सेना की ओर से बयान देते हुए लेफ्टिनेंट जनरल एसडी दुहान ने कहा, ‘हमने सियाचिन के इस जांबाज जवान को बचाने के लिए भरसक प्रयास किया. सुबह उसका ब्लड प्रेशर बहुत तेजी से नीचे गिरा. बताया गया कि हनुमंतप्पा के दिमाग में उनके मस्तिष्क की विद्युत गतिविधि मृत्यु से पहले कुछ घंटों के लिए धीरे-धीरे थम गई.’
सेना की ओर से बयान देते हुए लेफ्टिनेंट जनरल एसडी दुहान ने कहा, ‘हमने सियाचिन के इस जांबाज जवान को बचाने के लिए भरसक प्रयास किया. सुबह उसका ब्लड प्रेशर बहुत तेजी से नीचे गिरा. बताया गया कि हनुमंतप्पा के दिमाग में उनके मस्तिष्क की विद्युत गतिविधि मृत्यु से पहले कुछ घंटों के लिए धीरे-धीरे थम गई.’
जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार सुबह 7 बजे से 10 बजे के बीच उनका पार्थिव शरीर हुबली स्थित नेहरू स्टेडियम में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. उसके बाद 10 बजे उनका पार्थिव शरीर धारवाड़ स्थित उनके गांव ले जाया जाएगा. गांव में अंतिम दर्शन के बाद सूर्यास्त से पहले पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.