उपायुक्त रितेश चौहान के घर भोज पर पहुंचे जिलेभर के

किसान
धर्मशाला, उपायुक्त कांगड़ा रितेश चौहान ने आज दोपहर में जिले के श्रेष्ठ किसानों व बागवानों को अपने सरकारी आवास पर विशेष भोज दिया। जनता और प्रशासन के मध्य विश्वास बढ़ोतरी, बेहतर तालमेल और एक-दूसरे के दृष्टिकोण को सही परिप्रेक्ष्य में समझने तथा सफल व्यक्तियों के प्रेरणास्पद जीवन अनुभवों से अन्यों को सीखने का अवसर उपलब्ध करवाने के लिए उपायुक्त की अनूठी पहल ‘‘संवाद से प्रेरणा’’ के तहत इस विशेष भोज का आयोजन किया गया था। रितेश चौहान के अनुसार इस पहल से जनता और प्रशासन के मध्य धारणात्मक खाई को भी कम किया जा सकेगा। इस अनूठी पहल के अन्तर्गत जिले में आत्मा परियोजना के तहत कृषि, बागवानी एवं पशुपालन क्षेत्र में मिसाल कायम करने वाले जिलाभर के श्रेष्ठ 45 प्रगतिशील किसानों और 4 किसान समूहों के सदस्यों को उपायुक्त के साथ भोज एवं चर्चा के लिए आमंत्रित किया गया था। उपायुक्त ने उनके अभिनव प्रयोगों तथा अनुभवों को लेकर उनसे विस्तृत चर्चा की। उपायुक्त ने कहा कि संवाद से प्रेरणा के तहत आयोजित इस कार्यक्रम का उदेद्श्य सम्बन्धित क्षेत्र में अपने अभिनव प्रयोगों एवं प्रचलनों से मिसाल कायम करने वाले किसानों को भविष्य में और बेहतर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करना तथा उनकी समस्याओं को जानना एवं उनके निवारण के लिए आवश्यक कदम उठाना है। इसके अतिरिक्त, सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से व्यापक स्तर पर उन्हें लाभान्वित किए जाने की सम्भावनाओं को भी तलाशा जाएगा। इस अवसर पर किसानों ने उपायुक्त के साथ कृषि गतिविधियों संबंधी अपने अनुभव सांझा किये। कांगड़ा के कच्छियारी के प्रगतिशील किसान प्रताप चन्द ने बताया कि वे अपनी लगभग 40 कनाल भूमि पर मौसमी बेमौसमी सब्जियों की खेती कर रहे हैं तथा इससे अच्छा लाभ कमा रहे हैं । उन्होंने बताया कि आत्मा परियोजना के तहत मिले विभागीय सहयोग के बूते वे खुद तो अच्छा खासा कमा ही रहे हैं साथ ही 20 से 25 लोगों को रोजगार भी मुहैया करवा रहे हैं। कार्यक्रम में इन्दौरा के प्रगतिशील किसान वीर सिंह ने उन्हें आम, संतरा इत्याादि फलदार पौधों की खेती से हो रहे लाभ बारे अपने अनुभव सांझा किये। इस दौरान पूर्व में मर्चेंट नेवी में इंजीनियर रहे और वर्तमान में डेयरी फार्मिंग में लगे जयसिंहपुर के लम्बा गांव के सुजीत शर्मा ने इस व्यवसाय से हो रहे लाभ बारे बताया। उन्होंने बताया कि मर्चेंट नेवी से सेवानिवृति के बाद जब उन्होंने डेयरी फार्मिंग अपनाई तब उनके पास केवल एक गाय थी। अपनी लगन और विभाग से मिली सहायता से वे इस व्यवसाय में आगे बढ़ते गए। आज उनके पास 35 गायें हैं तथा वह प्रतिदिन 2 क्विंटल दूध बेचते हैं, जिससे लगभग 8 हजार रूपये प्रतिदिन आय हो रही है। बैजनाथ के करतार सिंह, गांव पन्दरेहड़, गांव तलासन के नगेन्द्र कटोच, गांव जगनोली के कश्मीर सिंह, गांव सेराथाना कि संतोष कुमारी, भवारना की मीना कुमारी ने भी कृषि क्षेत्र में अपने अनुभवों एवं अभिनव प्रयोगों के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर सभी किसानों ने इस क्षेत्र में पेश आने वाली समस्याओं एवं परेशानियों और इनके निदान के लिये अपने बहुमूल्य सुझावों से उपायुक्त को अवगत करवाया। रितेश चौहान ने इन पर गौर करते हुए हर सम्भव सहायता का उपलव्ध करवाने की बात कही तथा समस्याओं के निदान के लिये आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर आतमा परियोजना निदेशक डा0 रिपन सूद, उप निदेशक कृषि देशराज शर्मा, उप-परियोजना निदेशक आतमा शशी पाल अत्री, उप-मण्डलीय भू संरक्षण अधिकारी राजेश सूद, रोहित संग्राय उपस्थित थे।