युवराज यादव
बलौदाबाजार। नारायण विहार में पर्यावरण वाटिका के नाम पर 30 लाख की स्वीकृति हुई तो क्षेत्र में एक बार खुशी की लहर थी परन्तु विभाग द्वारा आहाता,पुलिया एवम कुछ फर्सी पत्थर बिछाकर राशि समाप्त कर देने से मायूसी छा गयी।क्षेत्र वासियो ने कार्य की जांच की मांग की है।
कसडोल क्षेत्र के विधायक एवम विधान सभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल द्वारा अपने क्षेत्र में अनेको कार्य स्वीकृत कराया जा रहा है और उनका शख्त निर्देश भी है कि कार्य का निर्माण गुणवत्ता पूर्ण हो परन्तु ऐसा नही हो रहा है जिसका एक उदाहरण नारायण विहार पर्यावरण वाटिका है।नारायणपुर में सैकड़ो वर्ष पुराना एक शिव मंदिर है उसी के बगल में नारायण विहार बना हुआ है जिसके सौंदर्यीकरण कर आहाता निर्माण करते हुए एक सुंदर वाटिका बनाने श्री अग्रवाल द्वारा 30 की स्वीकृति दिलाई गई,और पर्यावरण वाटिका के नाम से भूमि पूजन भी कराया गया। कार्य आरम्भ कर यहाँ अब तक लगभग 150 मीटर आहाता निर्माण ,मेन गेट के पास एक छोटा सा पुलिया और कुछ क्षेत्र में फर्सी पत्थर व कुछ में मुरम बिछाकर राशि समाप्त कर दी गयी।जिससे क्षेत्र वासियो में विभाग के इस कार्य को लेकर खासी नाराजगी है।उन्होंने इस कार्य की जांच अन्य विभाग के अधिकारियों से कराने की मांग क्षेत्रीय विधायक सहित शासन प्रशासन से की है।
पर्यावरण वाटिका में कार्यरत मिस्त्री सुशील साहू से मिली जानकारी के अनुसार इस कार्य को रामायण ठेकेदार को 450 रुपये प्रति मीटर के हिसाब से आहाता निर्माण का ठेका दिया गया था जो मुझे 350 रुपये में ठेका दिया मुझे अब तक कुल 46हजार रुपए मजदूरी का मिला है।एक दूसरा मिस्त्री रामाधार केवट ने भी अपने परिवार सहित कुछ बाहरी मजदूरों को साथ लेकर कार्य किया है जिसमे अभी 12हजार की मजदूरी भुगतान बाकी है।मिस्त्री ने यह भी बताया कि एक दिन सी सी एफ साहब यहां आए थे वे भी फर्सी पत्थर व मुरम बिछाई को देखकर नारजगी व्यक्त किये थे तभी से काम रोका गया है ।इन मजदूरों ने मजदूरी भुगतान शीघ्र करने की मांग किये है।इस कार्य मे किसी भी मजदूर को उनके बैंक खाते में भुगतान नही किया गया है ।लगभग सभी भुगतान विभागीय आहरण कर नगद भुगतान किया गया है।जो कि शासन के नियमों के विपरीत है ,क्योंकि शासन द्वारा हर प्रकार के भुगतान के लिए सम्बन्धित व्यक्ति के खाते में राशि जमा कराई जाती है न कि नगदी आहरण किया जाना है।और फिर केन्द्र के नरेन्द्र मोदी की सरकार ने पूरे देश में डिजिटल इंडिया के तहत हर प्रकार के लेनदेन को केश लेश कर दिया है।वन विभाग के अधिकारियों द्वारा नियमों को दरकिनार कर नगदी आहरण किया जाना उनके कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाता है।
उक्त कार्य के सम्बंध में आर पी दुबे रेंजर का कहना है कि जो भी कार्य हुआ है,ठीक हुआ है और वह अरुण पांडेय सी सी एफ के निर्देशानुसार हुआ है यहां सौंदर्यीकरण का कार्य अभी नही हुआ है वह अगले फेस में होगा।कार्य योजना तैयार कर भेज जा रहा है।मजदूरों का कोई भुगतान हमारे तरफ से बाकी नही है हमने रामायण ठेकेदार को पूरा कर दिया है।




