कौशाम्बी जनपद में इन दिनों राशनकार्ड को
लेकर भारी अनिमितता चल रही है।
आरोप है कि तमाम दलालों के नेटवर्क में आकर ही राशनकार्ड बन पा रहा है
सीधे कार्यालय में ऑनलाइन आवेदन करने के लिए तो किसी प्रकार की सुविधा है ही नही साथ ही अगर आप बाहर से आवेदन करके भी सम्बंधित बाबू कर्मचारियों को सूचित करते है तो उनका फ़रमान यही होता है कि बाद में आइयेगा इस संदर्भ में जनपद मुख्यालय मंझनपुर की कुछ महिलाओं का दर्द यह है कि दो तीन महीने से आवेदन देने के बाद भी किसी प्रकार की सुनवाई नहीं हो रही है
मुलाकात करने पर वहां बैठे एक कर्मचारी द्वारा एक हफ्ते का समय बार बार मांग लिया जाता है
नगर पंचायत की निवासी महिला की माने तो उसने जब लम्बे अरसे से परेसान होकर आज कार्यालय में सम्पर्क किया तो उसे बोला गया कि रिसीव पर अधिशाषी अधिकारी के हस्ताक्षर करवाकर जमा करें और अधिकारि ने हस्ताक्षर करने से साफ इंकार कर दिया कि उसने कभी इस तरह के कागजात पर कभी हस्ताक्षर नही किये
आलम यह है कि जिलाधिकारी कौशाम्बी आई0ए0एस0मनीष वर्मा द्वारा बार बार लगातार जिले में खाद्य सुरक्षा को लेकर हिदायत देने के बाद भी
अधिकारी व कर्मचारियों पर कोई फर्क नही पड़ता दिखाई दे रहा है अनिमितता तो साफ दिख रही है
ऐसे में भृस्टाचार के आरोपो को भी सिरे से खारिज नही किया जा सकता है।
सिराथू मंझनपुर व चायल तहसील में राशनकार्ड को लेकर लंबी लम्बी लाइने और बेबसी व इंतज़ार में जनता एक ही सवाल कर रही है
स्वंत्रता दिवस की दूसरी सुबह की
कौशाम्बी को भृस्टाचार व अनिमितता से आज़ादी अभी नही या कभी नही जिसका जवाब सायद ही कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि आसानी से दे सकेगा