
मुजफ्फरपुर. बिहार में सुशासन की सरकार है, और विकास के एजेंडे को लेकर सरकार काम ही कर रही है। लेकिन इस बारिश ने सरकारी विकास के एजेंडे को पूरी तरह से पोल खोल दिया है।जो तस्वीर आज थाने कैंपस के सामने आए हैं वह हैरान करते हैं।मामला
मुजफ्फरपुर शहर स्थित बेला थाना परिसर का है,जो बारिश के पानी में डूब गया है। थानेदार के चेम्बर में दो फिट पानी भरा है। जिस बैरक में सिपाही रहते हैं, उसमें भी पानी भर गया है। भवन भी जर्जर है। कभी भी गिर सकता है। आवेदकों को थाना तक पहुंचने के लिए घुटने भर पानी से होकर जाना पड़ता है। थानेदार धर्मेंद्र कुमार ने सिपाहियों के रहने के लिए बियाडा वालों से एक कमरा मांगा। काफी कोशिशों के बाद एक कमरा मिला। इसके बाद सिपाहियों को बियाडा भवन में शिफ्ट कराया गया।
एक मुंशी के भरोसे चल रहा थाना

थाने पर वैसे तो पानी देखकर लोग कम आ रहे हैं, लेकिन जो आ भी रहे हैं उनसे आवेदन लेने के लिए सिर्फ एक मुंशी है। थानेदार भी पानी के कारण थाना पर नहीं जा रहे हैं। मुंशी आवेदन लेकर जांच करवाने की बात बोलकर आवेदक को भेज देते हैं। अब आवेदकों की परेशानी है कि इतनी मुश्किल से आते हैं और थानेदार के समक्ष अपनी पीड़ा नहीं सुना पाते हैं। मारपीट का केस कराने आई किरण देवी ने बताया कि वह घर से ही घुटना भर पानी हेलकर आईं थीं, लेकिन यहां थानेदार से मुलाकात नहीं हुई।
मोटर लगाने की कवायद शुरू
इधर, थानेदार ने बताया कि वरीय पदाधिकारियों के माध्यम से निगम अधिकारियों से बात हुई है। थाना में लगा पानी मोटर से निकालने की कवायद की जा रही है। साथ ही दवाई का छिड़काव भी कराया जाएगा। बेला थाना में जलजमाव का मुख्य कारण इसका सड़क से तीन फीट नीचे होना है। थाना के पीछे बेला औद्योगिक क्षेत्र है।