एसएसबी व स्थानीय पुलिस द्वारा शराब तस्करों के नेटवर्क को भेदना भारी चुनौती !
रिपोर्ट – अनमोल कुमार
भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के शराब तस्करों के विस्तृत नेटवर्क को भेदना जहां एसएसबी व स्थानीय पुलिस के लिए भारी चुनौती का सबब बनता जा रहा है वहीं बिहार में लागू शराब बंदी का सबसे अधिक लाभ ये तस्कर ही उठा रहे हैं।
पड़ोसी देश नेपाल-भारत सीमावर्ती क्षेत्रों में एसएसबी व स्थानीय पुलिस की सक्रियता व सतर्कता के वाबजूद शराब तस्करों का नेटवर्क इस कदर मजबूत होता जा रहा है कि शराब तस्करी पर रोक नहीं लग पा रही है तथा इसका असर समाजिक ताने-बाने को भी बुरी तरह से प्रभावित करने वाला है। शराब तस्करों के सिंडिकेट का सीमावर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में इतना अधिक दबदबा है कि स्थानीय ग्रामीण लोग इनके खिलाफ बोलने से भी परहेज करते हैं।
बताते चलें कि ये शराब तस्कर भारत-नेपाल के खुले सीमा-क्षेत्र व नदियों का भरपूर लाभ उठाते हुए अपना कारोबार मजे से चलाते आ रहे हैं। पुलिस और एसएसबी के नाकेबंदी को चकमा देने इनके लिए इतना आसान है कि पुलिस एक जगह नाकेबंदी करती है तो ये दूसरे रास्ते से अपना काम कर लेते हैं। इस धंधे में मजदूर किस्म के लोगों व महिलाओं का उपयोग करते हुए नित नए तरिके का उपयोग कर ये तस्कर आराम से एसएसबी व पुलिस को चकमा देते रहते हैं।
पुलिस प्रशासन द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों में कहीं पर भी नियमित चेकपोस्ट का न होना व कहीं भी स्क्रीनिंग की व्यवस्था नहीं होने के कारण विभिन्न तरीकों को अपनाते हुए इन शराब तस्करों का धंधा अनवरत जारी है और बिहार के शराबबंदी के सबसे अधिक फायदा नेपाल के लोग उठा रहे हैं।