रायपुर। छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों में नए साल का जश्न मनाने के लिए सैलानियों का जमावड़ा लगा रहा। सबसे ज्यादा सैलानी मैनपाट (सरगुजा) और बस्तर के चित्रकोट में उमड़े। यहां प्रदेश समेत अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में सैलानी पहुंचे।
पर्यटन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक नया साल मनाने के लिए रिसोर्ट, होटल-मोटल एक महीने के पहले से बुक हो गए थे। यही कारण है कि प्रदेश के प्रमुख पिकनिक स्पाटों में अन्य साल के मुकाबले सैलानी ज्यादा पहुंचे। दूसरी ओर राजधानी के आसपास पर्यटन स्थलों में जबरदस्त सैलानी उमड़े।
जंगल सफारी, नंदनवन, पुरखौती मुक्तांगन जैसे कई स्पाट में देर शाम तक सैलानियों का जमावड़ा लगा रहा। लोगों ने परिवार, दोस्तों के साथ नए साल को सेलिब्रेट किया। इसके अलावा तीरथगढ़, बारनवापारा, सिरपुर, गंगरेल बांध, नंदनवन, नगरी-सिहावा आदि पर्यटन स्थलों में सैकड़ों की तादाद में सैलानी पहुंचे
स्पाटों में खुद बनाया सैलानियों ने खाना
पिकनिक स्पाटों में सैलानियों ने 2022 के स्वागत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। वे मौज-मस्ती के साथ खाना बनाकर उत्साह को अधिक और बढ़ा दिया।
प्रमुख पिकनिक स्पाट में सैलानियों की संख्या और खासियत
मैनपाट (सरगुजा)- 6,030
– मैनपाट छत्तीसगढ़ की शिमला के नाम विख्यात है। जहां जलप्रपात, दलदली, उल्टा पानी, तिब्बतियों की मंदिर के लिए प्रसिद्ध है।
चित्रकोट (बस्तर)- 5,125
– एशिया के बड़े जलप्रपात में शुमार। प्राकृतिक वादियां, जो लोगों को अपनी ओर खींच लेती हैं।
सतरेंगा जलाशय – 4,500
– कोरबा जिले में स्थित सतरेंगा प्रमुख पिकनिक स्पाट है। यहां नौकायन आदि का आनंद ले सकते हैं।
सरोदा दादर, चिल्फी घाटी, भोरमदेव – 4,000
– छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से प्रसिद्ध भोरमदेव के आसपास सरोदा दादर, चिल्फी घाटी प्रकृति प्रेमियों को अपनी चोर खींच लेती हैं।
जंगल सफारी- 3,000
– नवा रायपुर स्थित एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित जंगल सफारी में जंगली जानवरों का रहवास है।
बालाछापर (जशपुर)- 2,520
– जशपुर से कुछ ही दूरी पर स्थित सरना एथनिक रिसार्ट में आदिवासी कल्चर एवं संस्कृति को बेहद रोचक तरीके पेश किया है। रिसार्ट में यहां के स्थानीय व्यंजनों का भी पर्यटक आनंद ले रहे हैं।
पर्यटन स्थलों में भीड़
नया साल मनाने के लिए सभी पर्यटन स्थलों में बड़ी संख्या में सैलानी पहुंचे। इसके लिए विभाग ने पहले से तैयारी कर रखी थी। अभी तक सैलानियों ने कई रिसार्ट बुक करवाए हैं। -अनुराधा दुबे, जनसंपर्क अधिकारी, पर्यटन मंडल, छत्तीसगढ़