रायपुर। किसी भी समाज का विकास तभी संभव है, जब समाज में बेटियों को शिक्षित किया जाए। जब बेटियां शिक्षित होंगी तो मायका-ससुराल में शिक्षा का उजियारा फैलेगा। समाज में बदलाव बेटियों के पढ़ने-लिखने से ही संभव है। ये बातें महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री अनिला भेड़िया ने मरार पटेल समाज के सम्मेलन में कही।
महामाई पारा, पुरानी बस्ती के मरार पटेल भवन में प्रदेश स्तरीय महिला सशक्तिकरण और विवाह योग्य युवक-युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन किया गया। भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले की जयंती आयोजित सम्मेलन की अध्यक्षता अंजुबाला पटेल ने की। मुख्य अतिथि के रूप में समाज कल्याण मंत्री भेड़िया ने कहा कि समाज सुधारक और मराठी कवयित्री सावित्री बाई फुले ने महिला सशक्तिकरण के लिए अद्भुत कार्य किया। अपने पति ज्योतिराव फुले के साथ मिलकर स्त्री अधिकारों एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया। सम्मेलन में अतिथि ने समाज के विकास में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने एवं महिलाओं से आगे आने की अपील की।
जीवनसाथी की तलाश में परिचय
सम्मेलन में जीवन-साथी चुनने 200 से अधिक युवक-युवतियों ने परिचय दिया। जीवनसाथी में होने वाली खूबियों पर अपने विचार रखे। युवतियों ने नशा न करने और अच्छी कमाई करने वाले युवा को पति रूप में पाने की इच्छा जताई। युवाओं ने भी पढ़ी लिखी, परिवार को साथ लेकर चलने वाली युवती को पत्नी बनाने पर जोर दिया। सम्मेलन में विधवा, विधुर, तलाकशुदा लोगों को भी अपना घर बसाने के लिए प्रेरित किया गया।
ग्राम सेलूद निवासी तोरण पटेल और ग्राम बेलरगांव निवासी सुहागा पटेल का पुनर्विवाह संपन्ना कराया गया। इस मौके पर विवाह योग्य युवक-युवती परिचय माला पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि संध्या मालीकर पटेल, कंचन मालीकर पटेल, प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र नायक पटेल ने भी माता सावित्री बाई फुले के जीवन से प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित किया।