गोपालगंज।बिहार के सुशासन सरकार में पदाधिकारियों की मनमानी के कारण वन विभाग में दैनिक मजदूरों की हालत पतली हो चुकी है, वन विभाग के दैनिक मजदूरों ने अपनी व्यथा बताते हुए गोपालगंज के डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी को बकायदा पत्र लिखकर समस्या से अवगत कराया है, साथ ही पदाधिकारियों की मनमानी का भी गंभीर आरोप लगाया गया है, दैनिक मजदूरों का आलम यह है कि यह तिल तिल कर मरने को मजबूर हैं, गरीबी अपने आप में एक बड़ी समस्या है। ऐसे में गरीब मजदूरों को मजदूरी ना मिले तो उनकी हालत क्या होगी। यह बताने की जरूरत नहीं है।
बिहार के सुशासन सरकार ने गरीब तबके के मजदूरों को दैनिक मजदूरी के लिए आला अधिकारियों को सख्त हिदायत दिया गया है,लेकिन अधिकारी अपने मनमर्जी करने से बाज नहीं आ रहे हैं, जिस कारण बिहार के सुशासन सरकार पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं,
मामला गोपालगंज जिला के भोरे वन प्रक्षेत्र से लेकर सिवान जिले के महराजगंज वनप्रक्षेत्र तक का है। वन विभाग में वर्षों से कार्यरत दैनिक मजदूरों को सरकारी मजदूरी दर से भी कम मजदूरी दी जाती है। और मजदूरों से सादे कागज, मास्टर रोल पर हस्ताक्षर/ निशान करा लिया जाता है, यह बातें तब सामने आई है जब बिहार के मुखिया नीतीश कुमार को मजदूरों ने पत्र भेजकर अपनी व्यथा बताई है, हालांकि इस पूरे मामले में गोपालगंज जिला अधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी को भी
पत्र भेजकर अपने दैनिक मजदूरी की मांग की है।