प्रदीप शर्मा- गोपालगंज
गोपालगंज। अक्सर यह सुनने को मिलता है कि पुलिस डिप्टी करती है,अपराधियों में भय पैदा करने वाली बिहार पुलिस अपने कामों से जानी जाती है, लेकिन इस बीच बिहार पुलिस में भी कुछ ऐसे चेहरे हैं,जिन्होंने बखूबी डिप्टी के दौरान इंसानियत का मिशाल पेश किया है,
आज ऐसा ही एक वाक्या देखने को मिला है, जहां बिहार पुलिस के एक थानेदार ने मानवता का मिसाल पेश किया है,
जाहिर है पुलिस का नाम जुबान पर आते ही तमाम तरह की नकारात्मक छवि उभरकर आपके सामने आती होंगी, हालांकि इन सब के परे बिहार पुलिस का एक ऐसा चेहरा सामने आया है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, खबर बिहार के गोपालगंज जिले के उचकागांव का है,जहां 15 साल पूर्व एक शख्स सड़क दुर्घटना में
अपने पैरों को खो दिया, उसके बाद उसकी जिंदगी चारदीवारी के अंधेरों में कटने लगी, क्षेत्र भ्रमण के दौरान थानाध्यक्ष अब्दुल मजीद को उन चार दीवारों के अंदर से एक आवाज मिली, फिर वाहन को रोका,और कुछ ग्रामीणों से बात की, जानकारी मिलने के बाद
थाना अध्यक्ष ने इंसानियत का मिशाल पेश करते हुए
जो दिव्यांग के लिए किया, वह काबिले तारीफ है,
दिव्यांग मुन्ना सिंह को व्हीलचेयर देकर उनके जीवन को सरल बनाने की यह अनोखी कोशिश कि आज सराहना सब कर रहे हैं, हालांकि इस अनोखी पहल को लेकर सुनामी एक्सप्रेस की टीम ने जब थाना अध्यक्ष से बात की तो,उन्होंने कहा कि, व्हीलचेयर प्रदान करने का मुख्य उद्देश्य यह था कि जो शख्स आज 15 साल से अंधेरी कोठरी मैं खुद को असहज महसूस कर रहा है उसे जीने की चाहत मिल जाए,
उसके जीवन में कुछ तो रोशनी आए,जिससे वह अपने आप को कभी अ सहज महसूस ना करें,वह फिर से उन सबके बीच जाए, जिनसे वह आज 15 साल के अंदर कभी नहीं मिल पाया, हालांकि इस दौरान सीतापुंज फाउंडेशन से अखिलेश पांडे,त्रिलोकी ठाकुर, नीतीश कुमार, अभिषेक सिंह, सहित दर्जनों लोग उचकागांव थाना कैंपस में मौजूद रहे, थाना अध्यक्ष द्वारा व्हीलचेयर मिलने के बाद दिव्यांग मुन्ना सिंह के चेहरे पर अनोखी खुशी देखी गई, जिस मुस्कान का श्रेय, थाना अध्यक्ष अब्दुल मजीद को हो ही जाता है।