Breaking
261 लोकसभा सीटों पर त्रिकोणीय फाइट, जिनसे तय होगा दिल्ली के सत्ता का सिंहासन लाल जोड़ा पहन हाथों में मेहंदी रचाए बैठी थी दुल्हन, मंडप था तैयार, तभी पता चला दूल्हा तो… भांजे की शादी में सिर पर मटकी रख नाच रहा था मामा, अचानक गिरा और हो गई मौत वो फिल्म, जिसके लिए डायरेक्टर ने वरुण धवन को एक हफ्ते तक सोने नहीं दिया, हो गया था ऐसा हाल आज भी देश के अमीर क्रिकेटर्स में शुमार हैं सचिन, इतनी है दौलत, देते हैं इतना टैक्स इजराइल विरोध पर गूगल की सख्ती, फिर 20 कर्मचारियों को दिखाया बाहर का रास्ता अगले महीने एपल इवेंट में होगा बड़ा धमाका, लॉन्च होंगे ये नए मॉडल्स! विकट संकष्टी चतुर्थी पर इस मुहूर्त में चंद्रमा को दें अर्घ्य, बरसेगी बप्पा की कृपा! रफा पर मंडरा रहे खतरे के बादल, इजराइल के आगे रेड क्रॉस ने भी खड़े किए हाथ बॉडी पर जमे एक्स्ट्रा फैट को कम कर सकती हैं ये 4 एक्सरसाइज, तेजी से वेट होगा लॉस

कनाडा में निर्वासन का सामना कर रहे छात्रों के मामले में प्रगति कुछ को मिली राहत

Whats App

 कनाडा में निर्वासन का सामना कर रहे भारतीय छात्रों के मुद्दे पर थोड़ी सफलता मिलती दिख रही है। सूत्रों के मुताबिक हाल ही में कुछ छात्रों को उनके निर्वासन नोटिस पर स्थगन आदेश मिला है। बता दें कि भारत लगातार इस मुद्दे पर कनाडा से बात कर रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी अपने कनाडाई समकक्ष के साथ इस मामले को उठाया था। भारत ने कनाडाई अधिकारियों से बार-बार निष्पक्ष रहने का आग्रह किया गया, क्योंकि छात्रों की गलती नहीं थी।

क्या है मामला?

सूत्रों के मुताबिक, कुछ भारतीय छात्रों को कनाडा में कथित रूप से फर्जी प्रवेश पत्र जमा करने को लेकर निर्वासन की धमकी दी गई थी। लेकिन ये संख्या मीडिया में प्रचारित 700 से काफी कम है। इनमें से ज्यादातर छात्र 2017-2019 के दौरान कनाडा गये थे। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ ने वर्क परमिट हासिल किया, तो कुछ ने पढ़ाई जारी रखी। कनाडा सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है, क्योंकि भारत ने लगातार उनसे मानवीय दृष्टिकोण अपनाने और छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखने की अपील की थी।

राहत मिलने की उम्मीद

भारत लगातार कनाडा के अधिकारियों के साथ इस मामले को उठाता रहा है। अप्रैल में विदेश मंत्रालय के सचिव ने अपनी यात्रा के दौरान इसे उठाया था। वहीं, टोरंटो में भारतीय कान्सुलेट, इनमें से ज्यादा छात्रों से मिल चुके हैं। बता दें कि ज्यादातर छात्र टोरंटो में ही रहते हैं। इस दौरान कनाडा के अधिकारियों से बार-बार निष्पक्ष रहने और मानवीय दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया गया क्योंकि इसमें छात्रों की कोई गलती नहीं थी। दूसरी ओर कनाडाई प्रणाली में भी कुछ खामियां थीं, जिसके कारण छात्रों को वीजा मिल गया और एडमिशन की अनुमति दी गई। इसी वजह से कनाडाई सांसदों ने छात्रों का समर्थन किया है। कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी छात्रों के साथ उचित और न्यायपूर्ण व्यवहार की जरूरत पर बल दिया है।

261 लोकसभा सीटों पर त्रिकोणीय फाइट, जिनसे तय होगा दिल्ली के सत्ता का सिंहासन     |     लाल जोड़ा पहन हाथों में मेहंदी रचाए बैठी थी दुल्हन, मंडप था तैयार, तभी पता चला दूल्हा तो…     |     भांजे की शादी में सिर पर मटकी रख नाच रहा था मामा, अचानक गिरा और हो गई मौत     |     वो फिल्म, जिसके लिए डायरेक्टर ने वरुण धवन को एक हफ्ते तक सोने नहीं दिया, हो गया था ऐसा हाल     |     आज भी देश के अमीर क्रिकेटर्स में शुमार हैं सचिन, इतनी है दौलत, देते हैं इतना टैक्स     |     इजराइल विरोध पर गूगल की सख्ती, फिर 20 कर्मचारियों को दिखाया बाहर का रास्ता     |     अगले महीने एपल इवेंट में होगा बड़ा धमाका, लॉन्च होंगे ये नए मॉडल्स!     |     विकट संकष्टी चतुर्थी पर इस मुहूर्त में चंद्रमा को दें अर्घ्य, बरसेगी बप्पा की कृपा!     |     रफा पर मंडरा रहे खतरे के बादल, इजराइल के आगे रेड क्रॉस ने भी खड़े किए हाथ     |     बॉडी पर जमे एक्स्ट्रा फैट को कम कर सकती हैं ये 4 एक्सरसाइज, तेजी से वेट होगा लॉस     |    

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9431277374