उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत को भाजपा ने रविवार को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने ‘भाषा’ को बताया कि प्रदेश पार्टी अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर रावत को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है।
कौशिक के हवाले से उन्होंने बताया कि अनुशासनहीनता के चलते रावत को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी में अनुशासनहीनता को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी रावत को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया है।
पौड़ी गढ़वाल जिले की कोटद्वार विधानसभा सीट से विधायक रावत अपनी सीट बदलने के साथ ही अपनी पुत्रवधू अनुकृति के लिए भी भाजपा से टिकट मांग रहे थे। समझा जाता है कि इन मुद्दों पर भाजपा के राजी न होने पर उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बीच उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
कौन हैं हरक सिंह रावत
हरक सिंह रावत ने पहली बार 1984 में विधानसभा चुनाव लड़े लेकिन तब उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वर्ष 1991 में हरक सिंह भाजपा के टिकट पर पौड़ी से मैदान में उतरे और पहली बार विधायक चुने गए। साल 2017 में विधानसभा चुनाव से पहले वह कांग्रेस में थे लेकिन चुनाव से पहले उनका कांग्रेस से मोहभंग हो गया और भाजपा ज्वॉइन कर ली। 2017 में भाजपा की सरकार बनने पर उन्हें मंत्री बनाया गया।