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भोपाल। प्रदेश सरकार कुपोषण का कलंक मिटाने और बच्चों में सुपोषण को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राजधानी भोपाल में तुलसी नगर स्थित आरोग्य भारती कार्यालय में सुपोषण अभियान कार्यक्रम के तहत बच्चों के लिए इम्युनिटी बूस्टर माने गए स्वर्ण प्राशन का प्रदाय किया। उन्होंने बच्चों को स्वर्ण-रसायन की दो बूंद पिलाईं
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कुपोषण के खिलाफ अभियान मध्य प्रदेश सरकार चला रही है। आंगनबाड़ियों के माध्यम से वह प्रयास प्रारंभ हुए है। मेरा समाज के जिम्मेदार नागरिकों से आग्रह है कि एक आंगनवाड़ी को आप भी गोद ले सकते हैं। ताकि हम वहां सुपोषणयुक्त मध्यप्रदेश को लेकर कई नवीन प्रयोग कर सकें। बच्चे कुपोषित ना हों, स्वस्थ हों, रोग प्रतिरोधक क्षमता उनमें विकसित हो, इसकी कल्पना आज से हजारों साल पहले भारत ने की थी। मैं आरोग्य भारती का धन्यवाद ज्ञापित करता हूं कि उस परंपराओं को आगे बढ़ाने का महान कार्य उन्होंने हाथ में लिया है। मध्य प्रदेश में बच्चों के कुपोषण के खिलाफ कई अभियान संचालित हैं। मेरा समाज से आह्वान है कि सुपोषण युक्त समाज के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। बच्चों को कुपोषण से दूर करने में स्वर्णप्राशन का भी अति महत्व है। हमारे ऋषि-मुनियों, मनीषियों ने हमेशा यह चिंता की है कि मनुष्य को सुखी रहना है तो निरोग रहना जरुरी है। कोशिश यह हो कि हम बीमारी ना हों।स्वर्ण प्राशन सहित सोलह संस्कार वैज्ञानिक हैं। स्वर्ण प्राशन चटाने का अति महत्व है। जन्म से लेकर 16 साल की आयु तक अभिभावक बच्चों में इसका उपयोग करते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज ने यह भी कहा कि राजधानी में स्थित खुशीलाल आयुर्वेद कॉलेज आदर्श केंद्र है। यहां पंचकर्म जैसी सुविधाएं हैं। मुझे अत्यंत खुशी है कि इस कॉलेज को शोध केंद्र बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं।