ग्वालियर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को सिंधिया स्कूल के स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। वे शनिवार शाम लगभग चार बजकर 30 मिनट पर ग्वालियर पहुंचेंगे और दो घंटा रुकेंगे। उनका आगमन एयरपोर्ट से कार्यक्रम स्थल तक हेलीकाप्टर से होगा और प्रस्थान सड़क मार्ग के जरिए करेंगे। ग्वालियर दुर्ग पर स्थित सिंधिया स्कूल के समारोह में पीएम का भव्य स्वागत होगा और माधव अवार्ड भी पीएम के हाथों दिलाया जाएगा।
इस अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल, प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, जितेंद्र सिंह, सिंधिया स्कूल के चेयरमैन शामिल रहेंगे। इसके साथ ही सिंधिया स्कूल से ही निकले कई नामचीन लोग इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। समारोह में क्यूआर कोड से प्रवेश दिया जाएगा। सुरक्षा व्यवस्था में तीन हजार जवान लगाए गए हैं।
स्थापना दिवस समारोह में सिंधिया स्कूल के पूर्व छात्र पार्श्व गायक नितिन मुकेश सहित मीत ब्रदर्स भी शामिल होंगे। समारोह स्थल पर छात्र-मेहमान सहित पांच हजार लोगों की मौजूदगी रहेगी। प्रधानमंत्री समारोह के दौरान मल्टीपरपज स्पोर्ट्स काप्लेक्स का शुभारंभ, सिंधिया स्कूल की परंपराओं को दर्शाता हुआ डाक टिकट का अनावरण और पिलखन का पौधा भी लगाएंगे। सिंधिया स्कूल का बैंड प्रधानमंत्री का स्वागत करेगा। एयरपोर्ट से लेकर दुर्ग कार्यक्रम स्थल तक 19 किमी के रूट पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
1933 में ‘सरदार स्कूल” से नाम बदलकर ‘द सिंधिया स्कूल” किया गया था
सिंधिया स्कूल को देश-दुनिया में पहचान दिलाने वाले उद्योगपति, मल्टीनेशनल कंपनीज के सीइओ, बालीवुड स्टार, फिल्म निर्देशक, सिंगर निकले, जिन्होंने सात समंदर पार भी स्कूल का नाम रोशन किया। सिंधिया स्कूल की स्थापना 1897 में महाराजा माधवराव सिंधिया प्रथम ने सरदार स्कूल के रूप में की थी।
उस समय यहां राजा, महाराजा, सरदार, जागीरदार के बच्चे पढ़ते थे। आजादी के बाद इसे आम लोगों के लिए भी ओपन किया गया। देशभर की रायल फैमिलीज के बच्चों के लिए स्कूल की स्थापना की गई थी।
1933 में स्कूल का नाम बदलकर सरदार स्कूल से द सिंधिया स्कूल कर दिया गया। यह बोर्ड आफ गवर्नर्स के साथ एक पब्लिक स्कूल के रूप में विकसित हुआ, जिसका नेतृत्व वर्तमान में सिंधिया परिवार के वंशज ज्योतिरादित्य सिंधिया कर रहे हैं।