सुशांत सिंह राजपूत, जैकलीन फर्नांडीस, बोमन ईरानी, पंकज त्रिपाठी स्टारर फिल्म ड्राइव नेटफ्लिक्स पर रिलीज कर दी गई है। तरुन मनसुखानी के निर्देशन और करण जौहर के प्रोडक्शन हाउस में बनी इस फिल्म के गानों को दर्शकों का खूब प्यार मिला, लेकिन हम आपको बताने वाले हैं आखिर इस फिल्म को दर्शकों का कैसा रिस्पांस मिला।
धर्मा प्रोडक्शन और नेटफ्लिक्स के लिए कलंक…
ड्राइव एक ऐसी फिल्म है जिसे देखते हुए शनिवार या रविवार को अपना कीमती एक घंटा 59 मिनट बर्बाद कर देना किसी सजा से कम नहीं है। सजा करण जौहर इस साल कलंक और स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2 जैसी फिल्में बनाकर पहले ही अपने प्रशंसकों को बहुत दे चुके हैं। केसरी भी औसत फिल्म ही निकली। लेकिन, उनको अपने धर्मा प्रोडक्शंस ब्रांड की तो परवाह करनी चाहिए।
दर्शकों को नहीं आई फिल्म की कहानी पसंद…
सुशांत सिंह राजपूत के करियर का कलंक है फिल्म ड्राइव। ऐसी कहानियों पर 70 के दशक पर चोर मचाए शोर और विक्टोरिया नं. 203 जैसी क्लासिक फिल्में बन चुकी हैं। लेकिन, ड्राइव? इसमें कोई क्लास नहीं है। कैटल क्लास भी नहीं। जुगाड़ की रंगी पुती गाड़ियां हैं। घटिया विजुअल ग्राफिक्स हैं। जबर्दस्ती का अभिनय है और हैं गाने जो बताते हैं कि हिंदी सिनेमा पर राज कैसे कैसे लोग कर रहे हैं?
जानिए कहानी में क्या है खास…
कहानी चूहे बिल्ली के खेल जैसी है। चोरों के गैंग हैं। कारों की दौड़ है और जैकलीन का बेहूदा अंग प्रदर्शन है। राष्ट्रपति भवन लूटने जैसे विषय पर फिल्म बनाना हिंदी सिनेमा के दिमागी दिवालिएपन का ताजा नमूना है। और, नेटफ्लिक्स? इसकी क्रिएटिव टीम को क्या हुआ है? जिस वीकएंड पर प्राइम वीडियो जैक रयान का दूसरा सीजन रिलीज कर रहा है, उसी वीकएंड को इतनी घटिया फिल्म? दर्शक मुफ्त में नेटफ्लिक्स नहीं देखते। लेकिन, ये बात शायद नेटफ्लिक्स को याद नहीं है।
करण के नाम से नेटफ्लिक्स की है शान, लेकिन…
जैसे कि, करण जौहर का नाम नेटफ्लिक्स के मेकर्स की लिस्ट में जुड़ता है तो उसका प्रोफाइल बढ़िया दिखता है लेकिन दर्शकों का क्या कसूर? जो फिल्म करण जौहर ने थिएटर में रिलीज करने लायक भी नहीं समझी, उसे नेटफ्लिक्स ने भारतीय दर्शकों को परोस दिया है। खाद का गोबर कभी व्यंजन नहीं हो सकता, नेटफ्लिक्स को ये समझना चाहिए। फिलहाल नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने के बाद सुशांत-जैकलीन की फिल्म पूरी तरह से पिट गई है।