चुनाव आयोग के अधिकारियों ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव और पुलिस मुखिया के साथ विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के संबंध में बातचीत की. इससे पहले अधिकारियों ने राजनीतिक दलों के नेताओं से बातचीत की थी. ये पूरी कवायद आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चल रही है. इसको लेकर मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने जानकारी दी है.
सीईसी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के सपने को साकार करने का समय आ गया है. हम जल्द से जल्द चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमें विश्वास है कि हम उन लोगों को मुंहतोड़ जवाब देंगे जो चुनाव प्रक्रिया में खलल डालना चाहते हैं. जम्मू-कश्मीर में 90 निर्वाचन क्षेत्र हैं. इनमें से 9 एसटी और 7 एससी वर्ग के लिए रिजर्व हैं.
चुनाव हमारे लिए एक त्योहार की तरह है
उन्होंने बताया कि सभी रैलियों को ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से अनुमति दी जाएगी. सभी डीसी और एसएसपी को निष्पक्ष रहने के लिए कहा गया है. अगर कोई भी व्यक्ति पक्षपात करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. चुनाव हमारे लिए एक त्योहार की तरह है.
राजीव कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने जिस तरह लोकसभा चुनावों में भाग लिया, हमारा मानना है कि विधानसभा चुनाव इससे भी बड़ा अवसर होगा. हमने समीक्षा पूरी कर ली है. अमरनाथ यात्रा समाप्त होने वाली है. हम दिल्ली जाने के बाद सुरक्षा मामले की जांच करेंगे. इसके बाद आगे की जानकारी दी जाएगी.
अब कश्मीरी पंडितों को नहीं भरना होगा फॉर्म-M
सीईसी ने कहा कि कश्मीरी पंडित जो फॉर्म-M भरते थे, वह हमने खत्म किया है. लोकसभा चुनाव में कश्मीरी पंडितों की भागीदारी काफी ज्यादा देखने को मिली. उम्मीद है कि आने वाले चुनाव में भी अच्छी भागीदारी होगी. कुछ राजनीतिक दलों के लोगों ने सुरक्षा की मांग की है. इसको लेकर हमने निर्देश दिया है कि लेवल प्लेइंग फील्ड होनी चाहिए. जिसे जरूरी हो, उसे सुरक्षा मिलनी चाहिए.
सभी बूथ में सीसीटीवी कैमरा लगें, सभी पार्टियों की ये मांग है. कोई भी चुनाव में गड़बड़ी करने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सभी अधिकारियों के साथ हमने बैठक की है. सब अधिकारियों ने कहा है कि हम चुनाव करवाने के लिए तैयार हैं.
चुनावों में खलल डालने का हर प्रयास विफल होगा
जम्मू संभाग में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बीच चुनाव आयोग जम्मू-कश्मीर में चुनाव करवाने के लिए कितना तैयार है? इस सवाल के जवाब में आयोग के अधिकारियों ने कहा, जब अच्छे रिजल्ट आते हैं तो कुछ शरारती तत्वों को तकलीफ होती है. हम चुनाव करवाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. चुनावों में खलल डालने का हर प्रयास विफल होगा. लोकसभा चुनावों में जो कतारें हमने देखी थीं, उन्होंने उन लोगों के इरादों पर पानी फेरा है. वो अपने इरादों में कभी कामयाब नहीं होंगे. आतंकी हमले या कोई अन्य भी खतरा, जम्मू-कश्मीर में चुनाव करवाने से नहीं रोक सकता.