झारखंड की राजधानी रांची के रातू रोड स्थित ‘मॉल ऑफ रांची’ में कांवड़ियों को घुसने से इसलिए रोका गया, क्योंकि वे जूते-चप्पल नहीं पहने थे. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वहीं, अब इस पूरे मामले पर सियासत गरमा गई है. विपक्षी दलों ने मांग की है कि ‘मॉल ऑफ रांची’ का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाए.
वीडियो में दिखता है कि गेरुआ वस्त्र में पहने कुछ युवक बिना चप्पल में हैं जो कि मॉल में जाने की कोशिश करते हैं. लेकिन इंट्री गेट पर ही मॉल के कर्मचारी युवकों को रोक देते हैं. एक कर्मचारी कहता दिखता है कि यह मॉल का प्रोटोकाल है.
मॉल का रजिस्ट्रेशन रद्द हो- राकेश सिन्हा
रांची के मॉल में हुई इस घटना को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है. झारखंड प्रदेश कांग्रेस के महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि इस घटना पर भारतीय जनता पार्टी के नेता मौन क्यों हैं. उस मॉल का रजिस्ट्रेशन रद्द होना चाहिए, इसके लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग करेंगे.
मॉल में एंट्री से रोकना बेहद शर्मनाक- बीजेपी नेता
वहीं, इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि यह बेहद ही शर्मसार करने वाली घटना है. सावन के पावन महीने में कांवड़ियों को उनके पहनावे और चप्पल नहीं पहनने के कारण मॉल में इंट्री से रोकना बेहद शर्मनाक है .अविलंब झारखंड पुलिस और राज्य सरकार को मॉल के संचालक और प्रबंधकों पर कार्रवाई करनी चाहिए . सनातन धर्म का अपमान के लिए माफी मांगना होगा.
फिलहाल इस घटना पर मॉल प्रबंधन चुप्पी साधे हुए है. मॉल की ओर से आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. वहीं इस घटना को लेकर हिंदू संगठनों में आक्रोश है. अभी यह पता नहीं चल पाया है कि गेरुआ वस्त्र पहने युवक कौन हैं और कहां से आए थे. यह मामला स्थानीय प्रशासन के संज्ञान में आया है. अधिकारी मॉल प्रबंधन से इस घटना को लेकर जानकारी ले रहे हैं. 13 अगस्त 2023 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और बॉलीवुड के प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और निर्देशक प्रकाश झा की ओर से मॉल ऑफ रांची का उद्घाटन किया गया था. 2.5 लाख स्क्वायर फीट में बना यह मॉल एक मल्टी ब्रांड शोरूम वाला माल है.