
बिजली वितरण कंपनी अब वाट्सएप, ई-मेल आईडी पर बिल भेजने की तैयारी कर रही है। इससे न केवल बिल अपेक्षाकृत जल्दी मिलेंगे, बल्कि बिल राशि जमा करने के लिए भी पहले की तुलना में ज्यादा समय मिलेगा। कंपनी के इंदौर मुख्यालय में सभी ज़िलों के उपभोक्ताओं के लिए ई-बिल व्यवस्था की तैयारी चल रही है। कंपनी का मानना है कि अन्य ग्रीन स्तर यानी पेपरलेस बिल नए वित्तीय वर्ष से लागू हों। पहले बड़े शहरों इंदौर, उज्जैन, रतलाम, देवास आदि में यह व्यवस्था लागू होगी। इसके बाद छोटे शहरों में इसे लागू किया जाएगा। सबसे अंत में ग्रामीण क्षेत्रों को चुना जाएगा। बिजली कंपनी के पास शहरी क्षेत्र के लगभग 70 से 80 फीसदी उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर हैं, साथ ही लगभग 40 फीसदी के ई-मेल आईडी हैं। शेष मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी लेने के लिए संबंधित ज़ोन, वितरण केंद्र प्रभारियों को निर्देशित किया गया है। ये फरवरी और मार्च में दोनों कार्य करेंगे। इसके बाद अप्रैल से चुनिंदा जगह ई-बिल भेजे जाएंगे। एमडी अमित तोमर के मुताबिक बिजली कंपनी द्वारा नए वित्तीय वर्ष से पेपरलेस बिल भेजने की तैयारी की जा रही है। जिन उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी कंपनी के पास नहीं हैं, उन्हें लेने के लिए निर्देश दिए गए हैं।