उपांग ललिता व्रत हर साल आश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस दौरान माता की पूजा करने से वे भक्तों से प्रसन्न होती हैं और उनकी विशेष कृपा देखने को मिलती है. मां ललिता को सती माता का ही रूप माना जाता है. इस दौरान माता रानी के इस स्वरूप की पूजा की जाती है. बता रहे हैं कि 2024 में उपांग ललिता व्रत कब रखना है और इस दिन की पूजा मुहूर्त से लेकर पूजा विधि तक क्या हैं.
Kyun Manaate Hain Upang Lalita Vrat: कब और क्यों मनाते हैं उपांग ललिता व्रत
पंचांग की मानें तो हर साल आश्विन महीने के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को उपांग ललिता व्रत मनाया जाता है. साल 2024 में 07 अक्तूबर 2024 को उपांग ललिता व्रत रखा जाएगा. आश्विन महीने के कृष्ण पक्ष की पांचवीं तिथि की शुरुआत 07 अक्तूबर, सेमवार के दिन 09 बजकर 47 मिनट से शुरू हो जाएगा और 08 अक्तूबर को सुबह 11 बजकर 17 मिनट पर इसका समापन होगा. नवरात्रि में पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा करने के साथ ही त्रिपुरा सुंदरी मां ललिता का व्रत रखा जाता है और उनकी पूजा की जाती है. इस त्योहार की महत्ता सबसे ज्यादा गुजरात और महाराष्ट्र जैसी जगहों पर है.
Upang Lalita Vrat ki Puja: ललिता व्रत पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर नहाएं और साफ-सुथरे कपड़े पहनें
- इसके बाद शालीग्राम के विग्रह समेत शिव-पार्वती और कार्तिकेय जी की तस्वीर एक साथ रख लें
- फिर फल-फूल, अबीर-गुलाल, नारियल, कुमकुम, अक्षत, हल्दी, दीपक और घी समेत अन्य सामग्री भी बंटोर लें
- मां ललिता को पुष्प, सिंदूर समेत लाल रंग के वस्त्र चढ़ाएं और माता रानी का ध्यान करें
Kya Khaaye Kya Nahi: क्या खाएं क्या नहीं
पूजा के दौरान कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें. इस दिन आपको किसी भी तरह के नशे से दूर रहना है और मीट-मछली का सेवन नहीं करना है. इसके अलावा इस दिन कुछ मंत्रों का जाप करने से आपके कष्ट का निवारण हो सकता है. सही पूजा विधि के साथ पूजा करने का भी लाभ भक्तों को देखने को मिलता है.
Kin Mantra Ka Karen Jaap: किन मंत्रों का करें जाप?
उपांग ललिता व्रत के दौरान कुछ मंत्रों का जाप करना सुखद माना जाता है. ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौ: ॐ ह्रीं श्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौ: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं नमः’ नाम के मंत्र का अधिक से अधिक जाप करें. इसी के साथ इस दिन ललिता सहस्त्रनाम का जाप करने से और ललितात्रिशती का पाठ करने से भी इंसान के जीवन के सभी दुख खत्म होते हैं और जीवन में आर्थिक फायदा मिलती है.
Kaise karen Paran: कैसे करें पारण
हिंदू धर्म में व्रत खत्म करने के बाद पारण की भी बहुत महत्ता बताई गई है. उपांग ललिता व्रत का पारण करने के लिए, सबसे पहले आपको भगवान सूर्य की पूजा करनी चाहिए और उन्हें अर्घ्य देना चाहिए. इसके बाद इस दिन भगवान जीमूतवाहन(राजा) का ध्यान करना चाहिए. फिर अन्न और जल ग्रहण कर सकते हैं.