Breaking
सीआरएम ने परखी पटरियों की गुणवत्ता, अब नए ट्रैक पर दौड़ेंगी ट्रेनें एक नारी पुलिस पर भारी, बिना हेलमेट रोका तो रोने लगी महिला, हाथ जोड़कर कहा जाओ प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी हरदा में आमसभा को संबोध‍ित करेंगे, कुछ देर में पहुंचने वाले है प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने को और कालेजों के पास नहीं संबद्धता तवा रिसोर्ट के मेन्यू कार्ड में दिखेंगे चुनावी व्यंजन, वोट डालने वाले दूल्हा-दुल्हनों को मिलेगा उपहा... दूसरे चरण में वोटरों को झुलसा देगी गर्मी, जानें किस शहर के लिए कौन सा अलर्ट जारी वन विभाग ने जानापाव से किया तेंदुए का रेस्क्यू, एक वनकर्मी घायल ओंकारेश्वर दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालुओं की कार पेड़ से टकराई, 7 वर्षीय मासूम की मौत, 6 घायल खरगोन में बोले मप्र के सीएम डॉ मोहन यादव- कांग्रेस देश के टुकड़े करवाने वाली पार्टी सोनिया-राहुल बैकफुट पर आए, बेनकाब हुई कांग्रेस… सैम पित्रोदा के बयान पर अमित शाह का पलटवार

देवी सीता ने नदी के बीच में की थी इस शिवलिंग की स्थापना, 8वीं सदी में बना इतना विशाल मंदिर

Whats App

उज्जैन. तीन नदियों के संगम के कारण राजिम (Rajim) को छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) का प्रयाग कहा जाता है। इस स्थान का संबंध रामायण काल से भी जोड़ा जाता है। भगवान राम वनवास के दौरान छत्तीसगढ़ के कई स्थानों पर रहे।

शबरी के झूठे बेर यहीं खाए तो दंडकारण्य में कई राक्षसों का वध भी किया। इसी छत्तीसगढ़ में एक ऐसा स्थान भी है जहां माता सीता ने भगवान शंकर की आराधना की थी। इसके लिए उन्होंने नदी के बीचों-बीच एक रेत का शिवलिंग बनाया था। यह स्थान आज भी प्रसिद्ध मंदिर के रूप में मौजूद है।

ऐसा है कुलेश्वर महादेव मंदिर (Kuleshwar Mahadev Temple)
मान्यता है कि देवी सीता ने जिस रेत के शिवलिंग की पूजा की, वर्तमान में वही कुलेश्वर महादेव के नाम से पूजा जाता है। जो मंदिर वर्तमान में यहां दिखाई देता है वो आठवीं सदी में बनवाया गया था। कुलेश्वर महादेव मंदिर स्थापत्य का बेजोड़ नमूना होने के साथ-साथ प्राचीन भवन निर्माण तकनीक का जीवंत उदाहरण है। तीन नदियों के संगम पर स्थित होने के कारण यहां बारिश के दिनों में नदियां पूरी तरह आवेग में होती हैं। इसके बीच अपनी मजबूत नींव के साथ मंदिर सदियों से टिका हुआ है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से मात्र 45 किलोमीटर दूर स्थित राजिम में नदी पर बना पुल 40 साल भी नहीं टिक पाया, जबकि वहां आठवीं सदी का कुलेश्वर महादेव मंदिर आज भी खड़ा है।

Whats App

तराशे गए पत्थरों से बना है विशाल मंदिर
मंदिर का आकार 37.75 गुना 37.30 मीटर है। इसकी ऊंचाई 4.8 मीटर है मंदिर का अधिष्ठान भाग तराशे हुए पत्थरों से बना है। रेत एवं चूने के गारे से चिनाई की गई है। इसके विशाल चबूतरे पर तीन तरफ से सीढ़ियां बनी हैं। इसी चबूतरे पर पीपल का एक विशाल पेड़ भी है। चबूतरा अष्टकोणीय होने के साथ ऊपर की ओर पतला होता गया है। मंदिर निर्माण के लिए लगभग 2 किलोमीटर चौड़ी नदी में उस समय निर्माताओं ने ठोस चट्टानों का भूतल ढूंढ निकाला था।

कैसे पहुंचें?
वायु मार्ग- रायपुर (45 किमी) निकटतम हवाई अड्डा है और दिल्ली, विशाखापट्टनम एवं चेन्नई से जुड़ा है।
रेल मार्ग- रायपुर निकटतम रेलवे स्टेशन है और यह हावड़ा मुंबई रेलमार्ग पर स्थित है।
सड़क मार्ग- राजिम नियमित बस और टैक्सी सेवा से रायपुर तथा महासमुंद से जुड़ा हुआ है।

सीआरएम ने परखी पटरियों की गुणवत्ता, अब नए ट्रैक पर दौड़ेंगी ट्रेनें     |     एक नारी पुलिस पर भारी, बिना हेलमेट रोका तो रोने लगी महिला, हाथ जोड़कर कहा जाओ     |     प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी हरदा में आमसभा को संबोध‍ित करेंगे, कुछ देर में पहुंचने वाले है     |     प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने को और कालेजों के पास नहीं संबद्धता     |     तवा रिसोर्ट के मेन्यू कार्ड में दिखेंगे चुनावी व्यंजन, वोट डालने वाले दूल्हा-दुल्हनों को मिलेगा उपहार     |     दूसरे चरण में वोटरों को झुलसा देगी गर्मी, जानें किस शहर के लिए कौन सा अलर्ट जारी     |     वन विभाग ने जानापाव से किया तेंदुए का रेस्क्यू, एक वनकर्मी घायल     |     ओंकारेश्वर दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालुओं की कार पेड़ से टकराई, 7 वर्षीय मासूम की मौत, 6 घायल     |     खरगोन में बोले मप्र के सीएम डॉ मोहन यादव- कांग्रेस देश के टुकड़े करवाने वाली पार्टी     |     सोनिया-राहुल बैकफुट पर आए, बेनकाब हुई कांग्रेस… सैम पित्रोदा के बयान पर अमित शाह का पलटवार     |    

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9431277374