प्रदेश में पहला खुद का एनएफटी और भारतीय फिल्म में पहले एनएफटी जारी करने वाले साथ-साथ मिलकर करेंगे क्राउडफंड

प्रदेश में पहला खुद का एनएफटी और भारतीय फिल्म में पहले एनएफटी जारी करने वाले साथ-साथ मिलकर करेंगे क्राउडफंड
इंदौर। मध्यप्रदेश में सबसे पहले अपना स्वयं का एनएफटी लॉन्च करने वाले इंदौर के युवा उद्यमी राहुल गुप्ता और भारतीय फिल्म उद्योग में सबसे पहले एनएफटी जारी करने वाले अभिनेता विशाल मल्होत्रा साथ मिलकर एनएफटी के जरिए फिल्म को क्राउडफंड करेंगे। यह दुनिया की पहली एनएफटी आधारित फिल्म होगी और इस फिल्म को जरिए राहुल और विशाल भारत के प्रत्येक नागरिक को फिल्म निर्माता बनने का मौका दे रहे हैं। विशाल मल्होत्रा का मध्यप्रदेश से एक खास लगाव रहा है।
विशाल मल्होत्रा एक भारतीय फिल्म और टेलीविजन अभिनेता और एक शो होस्ट हैं। मल्होत्रा को पहली बार 1995 में डिज्नी आवर की मेजबानी करते हुए देखा गया था, उन्होंने 2004 में सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर डिज्नी टाइम की मेजबानी भी की।

विशाल ’हिप हिप हुर्रे’ में जॉन, ‘इश्क विश्क’ में मम्बो और डिज्नी आवर के मेजबान के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए हमारे दिमाग में अंकित हैं। उन्होंने केन घोष की इश्क विश्क से अपनी फ़िल्मी शुरुआत की और सलाम-ए-इश्क, काल, दोर, किस्मत कनेक्शन और नक़ाब जैसी फ़िल्मों में अभिनय किया। उन्होंने एंटरटेनमेंट के लिए कुछ भी करेगा की मेजबानी भी की जिसका प्रीमियर 2009 में मोना सिंह के साथ हुआ था। उन्होंने क्या मस्त है लाइफ 2 में माया मन्थर (जादु टॉनिक) की भूमिका निभाई। उन्होंने शरत में एक कैमियो भी किया था। उन्होंने सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन के धारावाहिक कुछ तो लोग कहेंगे में डॉ. कोटनिस जनरल अस्पताल के सहायक प्रशासक डॉ. रंगनाथ की भूमिका निभाई।
मल्होत्रा ने एनएफटी जारी करने और बेचने वाले पहले भारतीय अभिनेता के रूप में इतिहास रच दिया। अब, जिसे केवल रोमांचक माना जा सकता है, वह एनएफटी के माध्यम से एक फिल्म को क्राउडफंडिंग कर रहे है और ऐसा करने वाले पहले व्यक्ति होंगे।
मुंबई की चॉल में फिल्म का सेट, 10 दिनों में होगी शूटिंग; मार्च में रिलीज होने के लिए तैयार।
राहुल गुप्ता का कहना है कि हमारा इरादा दुनिया की पहली एनएफटी क्राउड फंडेड फिल्म बनाना है। क्राउडफंडिंग बड़ी संख्या में व्यक्तिगत निवेशकों के सामूहिक प्रयासों के माध्यम से पूंजी जुटाने की एक विधि है. क्राउडफंडिंग मुख्य रूप से सोशल मीडिया और वेबसाइटों के माध्यम से ऑनलाइन की जाती है, इसलिए क्राउडफंडिंग मूल रूप से इंटरनेट या इस तरह की समर्पित वेबसाइटों के माध्यम से कई लोगों से छोटी मात्रा में धन जुटाकर किसी परियोजना या उद्यम को वित्तपोषित करने की विधि हैI
क्राउडफंडिंग का उपयोग उद्यमशीलता के उपक्रमों जैसे कि कलात्मक और रचनात्मक परियोजनाओं और स्टार्टअप आदि के लिए फंड की व्यवस्था करने के लिए भी किया गया है।
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इस परियोजना की अवधारणा और पूरी स्क्रिप्ट अभिनेता विशाल मल्होत्रा के दिमाग की उपज है, जो एनएफटी जारी करने वाले पहले भारतीय अभिनेता भी थे। दुर्लभता अधिक बनी रहे यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत कम संख्या में एनएफटी का खनन किया जाएगा।
निवेशकों के लिए एनएफटी की 4 श्रेणियां उपलब्ध हैं : प्लेटिनम, सोना, चांदी और कांस्य।
प्रत्येक श्रेणी अपने फायदे के साथ आती है। एनएफटी का एथेरियम ब्लॉकचेन पर ईआरसी 721 अनुबंध है। इस एनएफटी के सभी संग्राहक स्वतः ही इस उत्पत्ति परियोजना में निर्माता बन जाएंगे और फिल्म के क्रेडिट रोल में नाम से उनका उल्लेख किया जाएगा।
राहुल गुप्ता नें इंटरव्यू के द्वारा बताया कि इस फिल्म को रिलीज करने के लिए मुंबई और इंदौर में एक प्रीमियर आयोजित किया जाएगा, जहां हम इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मीडिया और मशहूर हस्तियों को आमंत्रित करेंगे।
इसके साथ ही फिल्म का एक प्रीमियर मेटावर्स में भी आयोजित किया जाएगा, जो विश्व का पहला मूवी प्रीमियर होगा।
*मेटावर्स क्या है?* मेटावर्स एक ऐसी वर्चूअल दुनिया है जहां पर आपको एक अलग ही प्रकार का अनुभव होने वाला है, वैसे तो ये एक कम्प्यूटर द्वारा तैयार की गयी दुनिया है लेकिन ये हुबहू असली दुनिया से भी ज़्यादा सच्ची दिखायी पड़ती है। मेटावर्स को इंटर्नेट का अगला दौर कहना ग़लत नहीं होगा।
मेटावर्स का मुख्य उद्देस्य ही है की आपको एक अलग ही प्रकार का अनुभव प्रदान करना, जिसमें आपको लगे की आप किसी दूसरे इंसान के साथ उसके घर पर उपस्तिथ हो। फिर भले ही वो आपको दोस्त आपसे कितनी भी दूर क्यूँ ना रह रहा हो। आप इसमें एक झटके में खुद को टेलीपोर्ट कर सकते हैं और जहां चाहें वहाँ पर पहुँच सकते हैं। फिर वो चाहे आपका ऑफ़िस हो, आपके दोस्त का घर हो या किसी फ़िल्म हॉल हो। यह एक ऐसी काल्पनिक दुनिया है जिसे की तैयार किया गया है आधुनिक AI टेक्नॉलजी जैसे की वर्चूअल और संवर्धित रीऐलिटी को एक साथ जोड़ कर। एक आपको वर्चूअल दुनिया का एक अलग ही अनुभव प्रदान करने वाले हैं। साल 1992 में साइंस फिक्शन लेखक नील स्टीफेन्सन ने एक उपन्यास लिखा था, जिसका नाम था ‘स्नो क्रैश’. इस उपन्यास में पहली बार ‘मेटावर्स’ नाम का जिक्र था. उपन्यास में लेखक ने इंटरनेट की ऐसी दुनिया की कल्पना की थी, जिसमें इंसान घर बैठा रहे लेकिन उसकी थ्री डी इमेज दुनिया में कहीं भी पहुंच जाए. मतलब एक असल दुनिया के साथ ही एक वर्चुअल दुनिया भी होगी जिसमें आप घर बैठे-बैठे दुनिया में कहीं भी पहुंच सकते हैं।
आने वाले समय में हम किसी भी व्यक्ति के लिए मंच पर जाने का इरादा रखते हैं जो अपनी फिल्मों को वितरित या प्रदर्शित करना चाहते हैं जो विशेष रूप से क्रिप्टो मुद्रा और एनएफटी या ब्लॉकचैन दुनिया से संबंधित किसी भी चीज़ का उपयोग करके बनाई गई हैं। तो हमसे जुड़ें और इस ऐतिहासिक परियोजना का हिस्सा बनें जो हमेशा आपके नाम इतिहास में दर्ज करेगी।
जैसे-जैसे एनएफटी का चलन विश्व स्तर पर बढ़ रहा है, गुप्ता और मल्होत्रा इस समय एक प्रमुख शुरुआत करते दिख रहे हैं। अवधारणा बहुत ही सरल है, एक बार जब हम एनएफटी को ढाल लेते हैं, तो लोग इसे एक निर्धारित मूल्य पर खरीदेंगे और बदले में प्लेटिनम, सोना, चांदी और कांस्य टिकट प्राप्त करेंगे। फिर वे फिल्म के निर्माता बन जाएंगे और फिल्म के क्रेडिट रोल में नाम से उनका उल्लेख किया जाएगा। फिल्म को पूरी तरह से एनएफटी की बिक्री के से जुटाए गए धन के माध्यम से वित्त पोषित किया जाएगा। खरीदारों को बाद में फिल्म पर रॉयल्टी भी मिलेगी। लोगों में इस मूवी का जबरदस्त उत्साह है और बोली पूर्व में ही शुरू हो चुकी है। फिल्म मार्च में किसी समय रिलीज़ होगी। वे सभी लोग जिन्होंने एनएफटी खरीदे हैं, उनको प्रीमियर देखने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। हमारी स्क्रिप्ट और टीम तैयार है। हमें सिर्फ घोषणा करने की जरूरत है।
यह अनटाइटल्ड फिल्म नायक, एक 13 वर्षीय अनाथ और उसकी दादी के बीच संबंधों के इर्द-गिर्द घूमती है। इसे 10 दिनों में मुंबई की एक चॉल में शूट किया जाएगा। फिल्म के साथ एक साउंडट्रैक भी एनएफटी के रूप में जारी किया जाएगा। उनका मानना है कि भविष्य में, एनएफटी रचनात्मकता और नवाचार के बीच संतुलन बनाने के बारे में सोचना होगा और सभी को भीड़ से अलग रहने के तरीके खोजने होंगे। चूंकि अभिनेता ने नई डिजिटल मुद्रा में काम करना शुरू कर दिया है, वह जागरूकता पैदा करना सुनिश्चित करता है और फिल्म उद्योग के दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को अपनी एनएफटी बिक्री का एक बड़ा हिस्सा भी दान किया है।