जी-20 के पहले सत्र में पीएम मोदी ने दिया एक विश्व एक स्वास्थ्य का मंत्र, कोरोना से लड़ाई में भारत के योगदान का किया उल्लेख

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत के ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ के दृष्टिकोण को दुनिया के सामने रखा। शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारत के योगदान का भी उल्लेख किया। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने महामारी प्रकोप के समय भारत सरकार की ओर से 150 से ज्यादा देशों को की गई मेडिकल आपूर्ति का जिक्र किया।
‘वन अर्थ वन हेल्थ’ का दिया विजन
यही नहीं प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के ‘वन अर्थ वन हेल्थ’ विजन पर भी बात की जिसका जी-20 में विश्व के नेताओं ने स्वागत किया। मेजबान इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्राघी ने अपने उद्घाटन संबोधन में दुनिया के अमीर देशों से गरीब देशों को कोरोना रोधी वैक्सीन मुहैया कराने के लिए आगे आने का आह्वान किया। कोरोना महामारी के चलते दो साल बाद जी-20 की यह आमने-सामने की बैठक हो रही है।

महामारी में की दुनिया की मदद
विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने विस्तार से बताया कि भारत पूरी दुनिया के लिए एक जैसी स्वास्थ्य व्यवस्था की क्यों वकालत करता है। कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारत की अब तक स्थिति का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने दुनिया के 20 मजबूत अर्थव्यवस्था वाले देशों के प्रमुखों को यह भी बताया कि संकट की इस घड़ी में भारत ने किस तरह से आगे आकर दूसरे देशों की मदद की।
समान वैक्सीन वितरण पर जोर
इससे पहले, इटली के पीएम द्राघी ने कहा कि अमीर और गरीब देशों के बीच वैक्सीन के बीच अंतर नैतिक रूप से अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि गरीब देशों में मात्र तीन प्रतिशत लोगों का ही अभी टीकाकरण हुआ है, जबकि अमीर देशों ने अपने यहां 70 प्रतिशत लोगों को कम से कम वैक्सीन की एक डोज दे दी है।
सामूहिक मदद की दरकार
रोम के नुवोमा में जी-20 के नेताओं का स्वागत करते हुए द्राघी ने कहा कि गरीबों देशों को वैक्सीन मुहैया कराने के लिए और सामूहिक मदद की जरूरत है। शनिवार का उद्घाटन सत्र वैश्विक स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था पर केंद्रित रहा।
विकासशील देशों के पीछे रह जाने का खतरा
अमीर देश आर्थिक गतिविधियों को दोबारा शुरू करने के लिए टीकाकरण और अन्य प्रोत्साहन योजनाओं पर खुलकर खर्च कर रहे हैं। इससे विकासशील देशों के कम टीकाकरण और वित्तीय परेशानियों के चलते पीछे रह जाने का खतरा पैदा हो गया है, जिनकी वैश्विक विकास में अहम भूमिका है
‘रोम से ग्लासगो तक, आपके समाधान ही समस्या हैं’
समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक रोम में जी-20 शिखर सम्मेलन स्थल के निकट जलवायु परिवर्तन के खिलाफ ठोस कदम उठाने की मांग करते हुए कुछ लोगों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने इस मुद्दे पर सरकारों द्वारा कदम उठाने की मांग करते हुए नारे लगाए। प्रदर्शनकारी हाथों में बैनर लिए हुए थे, जिसपर लिखा था, ‘रोम से ग्लासगो तक, आपके समाधान ही समस्या हैं।’