
नई दिल्ली: दिवाली का त्योहार आने से पहले जहां कोरोना का कहर जारी हैं वहीं दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा बेहद खराब हो गई है। वायु गुणवत्ता सूची दिल्ली का 302वां स्थान है। शोध के अनुसार, पीएम 2.5 में तकरीबन 8 फीसदी कार्बन उत्सर्जन धान की फसलों के अवशेष को जलाने से होता है।
वहीं भारतीय मौसम विभाग ने नवंबर के शुरूआती दिनों में दिल्ली की एयर क्वालिटी के बेहद खराब रहने की सभावना जताई है। मौसम विभाग ने कहा दिल्ली की एयर क्वलिटी 4 नवंबर तक बेहद खराब रह सकती है। इसके बाद 5 और 6 नवंबर को और भी ज्यादा खराब हो सकती है। आबोहवा में पीएम 2.5 की मात्रा प्रबल होगी। एयर क्वालिटी इंडेक्स के अनुसार, 0-5 को अच्छा, 51-100 को संतोषजनक, 101-200 को मध्यम, 201-300 खराब, 3001-400 को बेहद खराब और 4001-500 को गंभीर की श्रेणी में रखा गया है।
खेतों में पराली जलाने से बढ़ रहा है प्रदूषण
जानकारी के लिए बता दें कि पंजाब में गेहूं की बुबाई के लिए खेतों में पराली जलाई जाती है। पंजाब और हरियाणा में पराली जलने शुरू हो गई है। पराली जलने से हवा में दुषित हवा मिलने से सांस लेना कठिन हो जाता है। पराली जलाने से प्रदूषण बढ़ता है। ऐसे में सांस के मरीजों को अधिक समस्या का सामना करना पड़ेगा। प्रदूषण से लोगों को आंखों में जलन की भी शिकायत रहती है।