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NIA की तर्ज पर SIA गठित, टेरर फंडिंग-राष्ट्रदोह मामलों की जांच में करेगी सहयोग

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श्रीनगर : गृह विभाग जम्मू-कश्मीर सरकार ने यूएपीए और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत अपराधों की जांच और अभियोजन के लिए विशेष जांच एजेंसी (एसआइए) के गठन को मंजूरी दी। आतंकी हिंसा, टेरर फंडिंग, राष्ट्रद्राेह, नशीले पदार्थाें व हथियारों की तस्करी जैसे मामलों की जांच के लिए इस एजेंसी का गठन राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की तर्ज पर किया है। एसआइए ही प्रदेश में आतंकी हिंसा और राष्ट्र द्रोह समेत सभी संबधित मामलों की जांच में एनआइए व अन्य संबधित सुरक्षा एजेंसियों के साथ पूरा समन्वय बनाते हुए उन्हें सभी आवश्यक सहयोग प्रदान करने वाली नोडल एजेंसी की भूमिका भी निभाएगी।

जम्मू-कश्मीर पुलिस के सीआइडी विंग का प्रमुख ही एसआइए के पदेन निदेशक हाेंगे। वह अपने कार्याधिकार क्षेत्र में उपलब्ध अपनी सभी शक्तियों और समय समय पर सरकार द्वारा प्रदान किए गए अधिकारों के अनुरुप कार्य करने में समर्थ रहेंगे।संबधित अधिकारियों ने बताया कि एसआइए का गठन जम्मू कश्मीर में आतंकी हिंसा और राष्ट्रद्रोह से संबंधित मामलों की त्वरित जांच और दोषियों को यथाशीघ्र दंड सुनिश्चित करने के लिए ही किया गया है। एसआइए के गठन से जम्मू-कश्मीर पुलिस को कानून व्यवस्थ की स्थिति बनाए रखने, सामान्य अपराधों की रोकथाम और आतंकरोधी अभियानों में खुद को पूरी तरह से केंद्रित रखने में मदद मिलेगी। एसआइए का नेतृत्व निदेशक करेगा और उसके अधीनस्थ पर्याप्त संख्या में अधिकारी व कर्मी होंगी, जिन्हें समयानुसार आवश्यक्तानुरुप सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा।

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एसआइए में नियुक्त किए जाने वाले सभी अधिकारियों व कर्मियों को उनके मूल वेतन के आधार पर 25 प्रतिशत का विशेष प्रोत्साहण भत्ता भी प्रदान किया जाएगा। सीआइडी, सीआइके और सीआइजे सहित सभी पुलिस थानों को आतंकवाद सबंधी किसी भी मामले को दर्ज किए जाने के तुरंत बाद एसआइए को सूचित करना होगा। इसके अलावा राष्ट्रीय जांच अधिनियम 2008 की धारा छह के हत, जिस मामले की जांच एनआइए नहीं कर रही हो, पुलिस महानिदेशक जम्मू-कश्मीर मामले की संवेदनशीलता, जांच की प्रगति और अन्य तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, एसआइए के निदेशक के साथ मिलकर तय करेगा कि मामले की जांच एसआइए करेगी या फिर मामले का जांच के दाैरान किसी समय विशेष तौर पर एनआइए को सौंपा जाए।

अगर दोनों एकराय न हों तो पुलिस महानिदेशक लिखित में कारण बताते हुए अंतिम फैसला लेंगे। अगर किसी मामले की जांच एनआइए या एसआइए नहीं कर रही है तो पुलिस मुख्यालय सुनिश्चित करेगा कि संबधित मामले की जांच में प्रगति की नियमित सूचना एसआइए को प्रदान की जाएगी। कम से कम हर पखवाड़े पूरी जानकारी एसआइए को भेजी जाएगी। एसआइए किसी भी अपराध के संदर्भ में, जिसे वह जांच योग्य समझे,स्वयं उसका संज्ञान ले एफआइआर दर्ज कर जांच शुरु कर सकती है, लेकिन इसके लिए उसे पहले पुलिस महानिदेशक को सूचित करना होगा। राष्ट्रीय जांच अधिनियम 2008 की धारा सात के तहत प्रदेश सरकार को स्थानांतरित किए गए सभी मामलों की जांच और अदालत में पैरवी के लिए एसआइए ही जिम्मेदार होगी।

एसआइए निम्नलिखित मामलों की जांच करने के लिए प्राधिकृत है:- 1. विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1908 (1908 का 6); 2. परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962 (1962 का 33); 3. गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (1967 का 37) 4. एंटी-हाईजैकिंग एक्ट, 2016 (2016 का 30) 5. नागरिक उड्डयन अधिनियम, 1982 की सुरक्षा के खिलाफ गैरकानूनी कृत्यों का दमन(1982 का 66); 6. सार्क कन्वेंशन (आतंकवाद का दमन) अधिनियम, 1993 (36 का)1993); 7. समुद्री नौवहन की सुरक्षा के विरुद्ध गैरकानूनी कृत्यों का दमनऔर महाद्वीपीय शेल्फ अधिनियम, 2002 (2002 का 69) पर फिक्स्ड प्लेटफॉर्म; 8. सामूहिक विनाश के हथियार और उनकी वितरण प्रणाली (निषेध .)गैरकानूनी गतिविधियों का) अधिनियम, 2005 (2005 का 21);9. के तहत अपराध) भारतीय दंड संहिता का अध्याय VI (1860 का 45) [धारा 121 से130 (दोनों सम्मिलित)];b) भारतीय दंड संहिता के अध्याय XVI की धारा 370 और 370A (45 .)1860 का);ग) भारतीय दंड संहिता की धारा 489-ए से 489-ई (दोनों शामिल)(1860 का 45);घ) शस्त्र अधिनियम, 1959 के अध्याय 5 की धारा 25 की उप-धारा (1एए)(54 का 1959);ई) सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के अध्याय XI की धारा 66F(2000 का 21)

10.0 आतंकवाद से जुड़े अपराध; आतंकवादी सहित सभी आतंकवादी कार्यउच्च गुणवत्ता वाले नकली भारत मुद्रा नोट मामलों का वित्तपोषण और संचलन;11.आतंकवाद से जुड़े बड़े षड्यंत्र के मामले;12.आतंकवादी वित्त पोषण और आतंकवाद से जुड़े एनडीपीएस मामले; 13.आतंकवाद से जुड़े अपहरण और हत्या के मामले;14.आतंकवाद से जुड़ी चोरी/जबरन वसूली, एटीएम/बैंक डकैती के मामले;15.आतंकवाद से जुड़े हथियार छीनने/डकैती के मामलेए 16.आतंकवाद से जुड़े प्रोपेगेंडा, झूठे आख्यान, बड़े पैमाने पर मामले उकसाना, असंतोष फैलाना, भारत की क्षेत्रीय एकता और अखंडता को नुक्सान पहुंचाने संबंधी मामले शामिल हैं

कुबेर देव की प्रिय मानी जाती हैं ये राशियां इन लोगों के घर में कभी नहीं होती पैसों की कमी     |     नौतपा के बाद दमोह व रीवा में 42 डिग्री के पार पहुंचा पारा सिवनी में तेज बारिश     |     वैदिक ज्योतिष शास्त्र में इन नक्षत्रों को माना गया है बेहद अशुभ जानें मनुष्य जीवन पर इनका प्रभाव     |     जिले के पुलिस विभाग में एसपी ने किए ताबड़तोड़ तबादले     |     देवास में मां चामुंडा टेकरी की रोप वे का तार पुली से अलग हुआ सवा घंटे तक फंसे रहे छह दर्शनार्थी     |     हड़ताल खत्म होते ही प्रशासन ने ली राहत सात जून से शुरु होगी परीक्षाएं     |     भोपाल में बनेगा प्रदेश का पहला अत्याधुनिक कार्डियोलाजी सेंटर सभी जिला अस्पतालों में बनेगी कार्डियक यूनिट     |     पूर्णिया में दर्दनाक सड़क हादसा अर्टिगा खड़े ट्रक से टकराई 2 बच्चियों समेत 5 की मौत     |     विराट से लेकर सहवाग तक ओडिशा ट्रेन हादसे से शोक में भारतीय क्रिकेट टीम पढ़ें क्या लिखा     |     गर्मी से बेहाल बाघ का परिवार सरोवर किनारे बनाया इलाका     |    

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