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‘राजा करेगा राज’…नेपाल में ऐसा क्या हुआ कि बांग्लादेश जैसे हो गए हालात?

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नेपाल इस वक्त हिंसा की आग में झुलस रहा है. राजशाही की बहाली की मांग को लेकर देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है. हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर गए हैं. हालात ऐसे हो गए हैं, जैसे पिछले साल बांग्लादेश में हुए थे. कल यानी शुक्रवार को काठमांडू में राजशाही समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़प हो गई. इस झड़प में एक पत्रकार समेत दो लोगों की मौत हो गई और 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए. इसके बाद काठमांडू के कई इलाकों (तिनकुने, सिनामंगल और कोटेश्वर) में कर्फ्यू लगाया गया. हिंसक प्रदर्शन को काबू में करने के लिए सेना को बुलाना पड़ा. ऐसे में आइए जानते हैं कि नेपाल में यह प्रदर्शन क्यों हो रहा है और इसके पीछे की वजह क्या है?

नेपाल में क्यों हो रहा है प्रदर्शन?

नेपाल में राजशाही की बहाली की मांग को लेकर यह प्रदर्शन हो रहा है. देश की राजनीतिक व्यवस्था के प्रति बढ़ते असंतोष की वजह से लोग सड़कों पर हैं. नेपाल में 2008 में राजशाही शासन का खात्मा हुआ था. तब से यहां 13 अलग-अलग सरकारें बनी हैं. इन सरकारों से नेपाली हताश और निराशा है. इसके लिए वो भ्रष्टाचार, आर्थिक संघर्ष और अस्थिरता को जिम्मेदार ठहराते हैं. यही वजह है कि नेपाल में एक बार फिर से राजशाही की वापसी की मांग उठने लगी है. राजशाही समर्थक नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की बहाली की मांग कर रहे हैं.

‘राजा आओ देश बचाओ’ का नारा

राजशाही समर्थक राजेंद्र बहादुर खाती ने न्यूज एजेंसी एपी को बताया कि हमें देश में राजशाही की वापसी और राजा की वापसी की जरूरत है, क्योंकि राजनीतिक दल और व्यवस्था विफल हो गई है. राजशाही की बहाली की मांग करने वाले हजारों राजभक्त राष्ट्रीय ध्वज और ज्ञानेंद्र शाह की तस्वीरें लेकर ‘राजा आओ देश बचाओ’, ‘भ्रष्ट सरकार मुर्दाबाद’ जैसे नारे लगा रहे हैं.नेपाल में यह विरोध प्रदर्शन राजशाही की बहाली के लिए बढ़ते आंदोलन से उपजा है, जो तब से तेज हो गया है. नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह ने 19 फरवरी को लोकतंत्र दिवस संदेश में अपने समर्थकों से उनके पीछे रैली करने का आग्रह किया था. राजशाही समर्थकों ने तब से कई प्रदर्शन किए हैं, जिसमें 9 मार्च को एक बड़ी रैली भी शामिल है. जब शाह नेपाल भर में धार्मिक यात्राओं से लौटे थे. इस दौरान हजारों समर्थकों ने तब त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट के एंट्री गेट को अवरुद्ध कर दिया था, जिससे परिचालन बाधित हुआ था.

PM ओली ने बुलाई इमरजेंसी बैठक

नेपाल में हिंसक प्रदर्शन को लेकर प्रधानमंत्री केपी ओली ने कैबिनेट की इमरजेंसी बैठक बुलाई. उन्होंने हिंसा के लिए आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि कानून का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. विरोध तब बढ़ गया, जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़ने का प्रयास किया. सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े.

नेपाल में बांग्लादेश जैसे हालात

नेपाल की मौजूदा स्थिति करीब करीब बांग्लादेश की तरह होती जा रही है. बांग्लादेश में भी सरकार के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिसमें कई लोगों की जान गई थी. फिलहाल नेपाल की स्थिति वैसी नहीं हुई लेकिन हिंसा और असंतोष बढ़ता है तो देश में राजनीतिक हालात खराब हो सकते हैं.

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