राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी हुई है। कई इलाकों में विजिबिलिटी पर इसका प्रभाव पड़ा है। राजधानी की आबोहवा में मौजूद प्रदूषक पीएम2.5 में 7% की हिस्सेदारी पराली जलाने की रही। वायु गुणवत्ता का पूर्वानुमान लगाने वाली एजेंसी ‘सफर’ ने कहा कि पश्चिम और दक्षिण पश्चिम दिशा से आने वाली हवाओं की वजह से अगले दो दिन में दिल्ली की वायु गुणवत्ता में आंशिक सुधार होगा।
दिल्ली के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में पीएम2.5 और पीएम10 प्रदूषक का स्तर दीवाली की रात क्रमश: 250 माइक्रोग्राम और 398 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के स्तर पर पहुंच सकता है। उल्लेखनीय है कि पीएम2.5 और पीएम10 का स्वीकार्य स्तर क्रमश: 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है।
वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक, ‘‘दिल्ली की वायु गुणवत्ता में 5 और 6 नवंबर को उल्लेखनीय गिरावट आने का पूर्वानुमान है और इसके ‘बहुत खराब’ श्रेणी में जाने की आशंका है। इस स्थिति के लिए पीएम2.5 प्रदूषक मुख्य रूप से जिम्मेदार होगा।” केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB)के आंकड़ों से पता चलता है कि राजधानी में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 281 दर्ज किया गया। रविवार को और शनिवार को AQI क्रमश: 289 और 268 दर्ज किया गया था।