ब्रेकिंग
साली के साथ एक रात सोना चाहता था जीजा, पत्नी ने किया विरोध तो ले गया तांत्रिक के पास, फिर जो हुआ… उत्तराखंड का ये मंदिर बना वेडिंग डेस्टिनेशन, 4 महीने में हुईं 500 शादियां… इन नामी हस्तियों ने भी यह... ऑपरेशन सिंदूर के बाद हाई अलर्ट पर आगरा, ताजमहल की बढ़ाई गई सुरक्षा 800 करोड़ी वो एक्टर, जो पहले बना PAK ऑफिसर, 1 साल बाद पाकिस्तान को घर में घुसकर मारा… आतंकियों के उड... शुभमन गिल, ऋषभ पंत, केएल राहुल, जसप्रीत बुमराह… टीम इंडिया का नया टेस्ट कप्तान कौन? इस खिलाड़ी के फे... भारत-पाक टेंशन के बीच आपके लिए आई खुशखबरी, खाने की थाली पर होगा असर Instagram और YouTube की नाक में दम करेगा Netflix, बनाया ये बड़ा प्लान! मई और जून में कब-कब है बुढ़वा मंगल? जानें मंगल और शनि की शांति के उपाय! काम खूनियों वाले और दिखावा गाज़ा जैसा, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख का इमोशनल ड्रामा समझ... दोमुंहे बालों की समस्या से हैं परेशान, घर पर ही इन तरीकों से पाएं छुटाकारा
छत्तीसगढ़

जिस झीरम घाटी के नाम से डर लगता था, वहां आधी रात को गुजरा गृहमंत्री Vijay Sharma का काफिला…

सुकमा। छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने सुकमा कलेक्ट्रेट में नक्सली हिंसा प्रभावित संवेदनशील क्षेत्र के जनपद सदस्य, सरपंचों के साथ नक्सली मुक्त बस्तर के निर्माण को लेकर चर्चा की, इस बैठक में कलेक्टर देवेश कुमार और एसपी किरण भी मौजूद थे। 13 अप्रैल को बैठक के बाद गृहमंत्री विजय शर्मा  सुकमा से निकलते हैं और उस रास्ते से होकर रायपुर रवाना होते हैं। यहां का नाम सुनते ही दिल दहल उठता है। गृहमंत्री सुकमा से झीराम घाटी मार्ग से होते हुए देर रात को रायपुर लौटे गृहमंत्री विजय शर्मा ने झीरम घाटी से रात को गुजरते समय का वीडियो भी शेयर किया है।

झीरम घाटी पर दिन में लोग जाने से कतराते हैं। वहां विजय शर्मा रात में निकले, गृहमंत्री ने आधी रात को जंगल से गुजर कर यह साबित कर दिया कि अब बस्तर में हालात बदल रहे हैं और अब डर नहीं सुरक्षा का विश्वास फैल रहा है। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा था कि एक साल के भीतर छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त कर देंगे।

झीरम घाटी, छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में स्थित एक नक्सल प्रभावित क्षेत्र है, जो 25 मई 2013 को हुए भीषण नक्सली हमले के लिए कुख्यात है। इस हमले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं सहित 33 लोगों की जान गई थी, जिसमें तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल और नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा शामिल थे।​

झीरम घाटी हत्याकांड छत्तीसगढ़ के राजनीतिक इतिहास में एक काला अध्याय माना जाता है। इस घटना ने राज्य और देश को गहरे सदमे में डाल दिया था। आज भी, यह घटना नक्सलवाद की गंभीरता और उससे निपटने की आवश्यकता की याद दिलाती है।​

Related Articles

Back to top button