गाजा में इजराइल की बमबारी जारी है और इस बार ये बमबारी और भयानक हो गई है. इजराइली प्रधानमंत्री ने सीजफायर तोड़ने के बाद साफ कर दिया है कि इस जंग का अंत हमास का खात्मा और बंधकों की रिहाई से पहले नहीं होगा. इजराइल की सेना ने गाजा पर फिर से पूरा कंट्रोल जमा लिया है और फिलिस्तीनियों के लिए यहां कोई सुरक्षित जगह नहीं बची है.
शिवर टेंटो में फिर आए लाखों लोग
अल-मवासी एक बहुत बड़ा निकासी क्षेत्र है, जंग के बाद जहां मुश्किल से ही कोई मानवी सुविधाएं उपलब्ध हैं. दक्षिण में राफा और खान यूनिस से भागे हजारों लोग भी अल-मवासी शिविर में ठूंस दिए गए हैं. इजराइल और अमेरिका पहले ही गाजावासियों को गाजा से निकालने और गाजा को अपने कंट्रोल में लेने की मंशा जाहिर कर चुके हैं.
18 मार्च को इजराइली युद्ध फिर से शुरू होने के बाद से शिविर में टेंटों पर हमले जारी हैं. बता दें कि अल-मवासी एकमात्र शिविर नहीं है जिसे निशाना बनाया दूसरे शिवरों पर भी हमले जारी हैं, साथ ही UNRWA और दूसरे आश्रयों को भी निशाना बनाया जा रहा है. अल जजीरा की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दो दिनों में इसी तरह के हमलों में 90 लोग मारे गए हैं.
एक वक्त का खाने भी नहीं
2 मार्च से इजराइल ने गाजा में फूट, फ्यूल और एड की एंट्री पर बैन लगा दिया है. मानवीय समूहो ने चेतावनी दी है कि खाना खत्म हो रहा है. ऑक्सफैम की नीति प्रमुख बुशरा खालिदी ने कहा, “बच्चे दिन में एक बार से भी कम खा रहे हैं और अपना अगले मील के लिए संघर्ष कर रहे हैं. गाजा में निश्चित रूप से कुपोषण और अकाल की स्थिति पैदा हो रही है.”
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