नकली स्टांप बनाए, बेच दी चर्च और मिशनरीज की 2000 करोड़ रुपये की जमीन… गैंग के खिलाफ बरेली कोर्ट ने लिया ये एक्शन
उत्तर प्रदेश के बरेली में चर्च और मिशनरीज की अरबों रुपये की संपत्ति हड़पने के मामले में कोर्ट ने बड़ी कार्रवाई की है. लगभग 12 साल से फरार चल रहे आरोपियों की जमानत रद्द करते हुए कोर्ट ने खुद संज्ञान लेकर मुकदमा शुरू किया है. आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों से जमानत प्राप्त की थी, जिसे कोर्ट ने रद्द कर दिया. पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि आरोपी खुलेआम घूमते रहे. इस मामले में लगभग 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति की बात सामने आई है.
फर्जी दस्तावेजों से ली गई बेल, कोर्ट ने रद्द की जमानत
2024 में आरोपियों ने कोर्ट में फर्जी दस्तावेजों के सहारे जमानत हासिल कर ली. इस पर पीड़ित अरुण थॉमस ने वकील उपदेश कुमार गुप्ता के माध्यम से कोर्ट में बेल रद्द करने की अर्जी दी. 24 अप्रैल 2025 को जिला जज सुधीर कुमार पंचम ने पाया कि कोर्ट को गुमराह किया गया और जमानत रद्द कर दी. साथ ही BNSS की धारा 379 के तहत स्वत संज्ञान लेकर मुकदमा चलाने का आदेश भी दिया.
बेच दी 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति
29 अप्रैल को कोर्ट ने फिर से सभी आरोपियों सुनील के मसीह, आनंद सैमसन, विलियम दिलावर और एलिया प्रदीप सैमुअल के खिलाफ NBW जारी कर दिए. अब कोर्ट इस मामले में खुद वादी बनकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा. पादरी अलबर्ट बेंजामिन ने दावा किया कि सुनील मसीह गैंग ने लगभग 20 हजार मिलियन यानी 2,000 करोड़ रुपये की मिशनरीज संपत्ति बेच दी. इनमें चर्च और कॉलेज की जमीनें शामिल हैं. आरोप है कि इन्होंने नकली स्टांप और कूट रचित दस्तावेजों का इस्तेमाल कर ये सब किया.
पुलिस संरक्षण पर उठे सवाल
एडवोकेट उपदेश कुमार गुप्ता ने कहा कि बरेली पुलिस की भूमिका शुरू से संदिग्ध रही है. आरोपी पुलिस की निगरानी में रहते हुए भी खुलेआम घूमते रहे. इससे साफ है कि पुलिस ने जानबूझकर इनकी गिरफ्तारी नहीं की. कोर्ट की सख्ती के बाद अब बरेली के चर्च और मिशनरीज की संपत्तियों से जुड़े इस बड़े घोटाले में न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ गई है. कोर्ट की इस पहल को पीड़ितों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है.
वहीं, पादरी अलबर्ट बेंजामिन ने बताया कि सुनील मसीह और उनके गैंग ने लगभग 20 हजार मिलियन की प्रॉपर्टी बेच दी है. इसकी शिकायत डीएम ऑफिस में भी की गई थी. इन लोगों ने फर्जी दस्तावेज और कोर्ट की नकली स्टांप तैयार कर रखी है. ये लोग बड़े भूमाफिया हैं. इन्होंने मैथोडिस्ट कॉलेज की जमीन भी बेच दी है.
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.