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‘नहीं मिलेगा पत्नी के खाते का पैसा…’ बुजुर्ग को दौड़ाता रहा बैंक; कोर्ट के एक फैसले से खिल गया चेहरा

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मध्य प्रदेश के भोपाल में एक शख्स अपनी पत्नी के बैंक अकाउंट से पैसा निकालने के लिए दो साल तक भटका. इसके बाद जाकर उन्हें कोर्ट से इंसाफ मिला. एक बुजुर्ग की पत्नी की मौत हो गई थी. इसके बाद जब वह अपनी पत्नी के खाते से उनके जमा किए गए पैसे निकालने पहुंचे तो उन्हें पैसे नहीं निकालने दिए गए. ऐसे में पैसे निकालने के लिए उन्होंने शिकायत दर्ज कराई, जहां अब पत्नी की मौत के दो साल बाद शख्स को इंसाफ मिला और उन्हें पत्नी के अकाउंट में जमा किए गए पैसे का उत्तराधिकारी बनाया गया.

दरअसल, 79 वर्षीय बुजुर्ग बाल कृष्ण विश्वकर्मा की 31 जनवरी 2023 को मौत हो गई थी. उनकी पत्नी ने बैंक में 3 लाख 42 हजार 628 रुपये जमा किए हुए थे. बाल कृष्ण की पत्नी का अकाउंट केनरा बैंक में था. उन्होंने पत्नी की मौत के बाद उनके जमा किए गए पैसों को निकालने के लिए बैंक से संपर्क किया. जब वह बैंक में पैसे निकालने गए तो बैंक कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि उनकी पत्नी ने अपने बैंक अकाउंट के लिए किसी को भी नॉमिनेट नहीं किया था.

एफिडेविट को भी कैंसिल कर दिया

बैंक में बाल कृष्ण विश्वकर्मा को बताया गया कि अकाउंट के लिए किसी को नॉमिनेट नहीं किए जाने की वजह से वह जमा पैसों के उत्तराधिकार नहीं हैं. इसके बाद बाल कृष्ण ने बैंक में वैध वारिस यानी अपने बच्चों के संबंध में एफिडेविट (Affidavit) दिया, लेकिन बाल कृष्ण विश्वकर्मा का एफिडेविट वाला तरीका भी काम नहीं आया और बैंक वालों ने उनके एफिडेविट को भी कैंसिल कर दिया.

दो साल बाद कोर्ट से मिला इंसाफ

बच्चों के संबंध में पेश किया गया एफिडेविट बैंक ने इसलिए कैंसिल कर दिया गया क्योंकि उनके बच्चों के पहचान संबंधी डाक्यूमेंट्स नहीं थे. फिर उन्हें इस मामले में दो साल बाद भोपाल जिला न्यायालय से इंसाफ मिला. कोर्ट ने बाल कृष्ण को उनकी पत्नी के पैसे दिए जाने पर सहमति जताई. इसके बाद बैंक की ओर से बाल कृष्ण को उनके पत्नी के अकाउंट में जमा पैसों का उत्तराधिकारी बनाया और उन्हें पैसे मिल गए.

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