चंडीगढ़ः पित्त की थैली में पथरी है तो सावधान हो जाएं। यह भविष्य में कैंसर का करण बन सकता है। पी.जी.आई. गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग की हैड प्रो.ऊषा दत्ता का कहना है कि उत्तर भारत में गॉलब्लैडर (पित्त की थैली) कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसकी सबसे बड़ी वजह पथरी है।
इसे देख पी.जी.आई. अब देश में पहली बार पित्त की थैली की पथरी से जुड़े कैंसर की रोकथाम के लिए नैशनल गाइडलाइंस बना रहा है। यह इंडियन काऊंसिल ऑफ मैडिकल रिसर्च द्वारा फंडेड और एथिकल कमेटी से स्वीकृत प्रोजैक्ट है। इस प्रोजैक्टर में देश के 13 बड़े मैडिकल संस्थानों को शामिल किया गया है, जिसका मुख्य केंद्र पी.जी.आई. है। प्रो.दत्ता बताती हैं कि भारत अब गॉलब्लैडर कैंसर की राजधानी बनता जा रहा है। खासकर उत्तर व पूर्वोतर भारत में समस्या गंभीर है। कई लोग वर्षों तक नहीं जान पाते कि पित्त की थैली में पथरी है। कई डॉक्टर भी समय रहते पता नहीं लगा पाते हैं।
यह सावधानी बरतें
- 40 साल से अधिक उम्र के लोग
- मोटापा और धूम्रपान करने वाले।
- महिलाओं में यह ज्यादा पाया जाता है।
- जिनके परिवार में पहले से किसी को यह समस्या रही हो।
- बार-बार पेट के संक्रमण होने वाले लोग
- पेट दर्द है तो तुरंत अल्ट्रासाउंड कराएं।
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