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निखरेगा शिप्रा का रूप…29 किमी घाट और 21 बैराज निर्माण कार्य का भूमिपूजन

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उज्जैन। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार को शिप्रा नदी के तट (अंगारेश्वर महादेव मंदिर) पर 864 करोड़ से होने बनने वाले 29.21 किलोमीटर लंबे घाट और 21 बैराज का भूमिपूजन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये परियोजना सिंहस्थ-2028 के लिए तैयार हो रहे आध्यात्मिक राष्ट्र का नया आधार बनेगी। आगामी सिंहस्थ, इतिहास का सबसे भव्य आयोजन होगा। उन्होंने शिप्रा के त्रिवेणी घाट से सिद्धनाथ तक तीन हिस्सों में पर्यटकों के लिए नौकायन की सुविधा प्रारंभ कराने की घोषणा की। सीएम ने बताया कि इंदौर में मेट्रो ट्रेन के सफल ट्रायल और सेवा शुरू होने के बाद अब इंदौर-उज्जैन के बीच मेट्रो ट्रेन चलाने की योजना मंजूर की गई है। कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरी महाराज, राज्य सभा सदस्य उमेशनाथ जी महाराज, सांसद अनिल फिरोजिया आदि उपस्थित थे।

शिप्रा नदी और उसके घाटों का सिंहस्थ से गहरा रिश्ता

प्राचीन काल से मोक्षदायिनी मानी जाने वाली शिप्रा नदी और उसके घाटों का सिंहस्थ से गहरा रिश्ता है। सिंहस्थ मूलतः स्नान पर्व है, और इसमें करोड़ों श्रद्धालु पुण्य स्नान के लिए उज्जैन आते हैं। ऐसे में घाटों की संरचना और शिप्रा की अविरलता श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ी प्राथमिक आवश्यकताएं हैं। सिंहस्थ 2028 को देखते हुए शासन ने उक्त परियोजना पर काम शुरू किया है।

घाट निर्माण परियोजना: विवरण एक नजर में

 

  • बिंदु : विवरण

  • लंबाई : 29.21 किलोमीटर
    • चौड़ाई : 15.6 मीटर

    • लागत : 863.69 करोड़

    • निर्माण एजेंसी : फलोदी कंस्ट्रक्शन कंपनी, इंदौर

    • अन्य संरचनाएं : बैराज, स्टॉप डैम

    • स्टॉप डैम आयाम : लंबाई 70-110 मीटर, चौड़ाई 4 मीटर, ऊंचाई 3 मीटर

    • निर्माण अवधि : सिंहस्थ 2028 से पूर्व पूर्णता का लक्ष्य

    भव्य सिंहस्थ की आधारशिला

    कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने बताया कि घाटों पर पेयजल, वस्त्र बदलने के कक्ष, शौचालय, नाव विहार, प्रकाश व्यवस्था, सीसीटीवी निगरानी, पौधारोपण और आपदा प्रबंधन स्टाफ जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

    निर्माण कार्य कहां-कहां होगा

    • घाट निर्माण: गोठड़ा से शनि मंदिर तक एवं वीआईपी घाट से जीवनखेड़ी ब्रिज तक
    • बैराज/स्टाप डैम: गोठड़ा, पिपलियाराघौ, रामवासा, वीरदुर्गादास छत्री क्षेत्र
    • वेंटेड काजवे: आत्मिलंगेश्वर मंदिर, जमालपुरा, भर्तृहरि गुफा, नागदा बायपास, चक्रतीर्थ
    • तालाब विकास: उंडासा, जस्ताखेड़ी गांव

    अब स्नान के लिए कितने लंबे घाट

    • वर्तमान में : 37 घाट, कुल लंबाई: 9.78 किमी
    • निर्माण के बाद: कुल घाट लंबाई 29.21 किमी

    ( यानी घाटों की लंबाई तीन गुना से अधिक हो जाएगी, जिससे लाखों श्रद्धालुओं के लिए स्नान और साधना सहज, सुरक्षित और व्यवस्थित हो सकेगी।)

    सिर्फ घाट नहीं, नया गौरवपथ बन रहे हैं

    इस परियोजना से शिप्रा के वर्तमान 9.78 किलोमीटर घाटों का विस्तार छह गुना होकर 29.21 किलोमीटर तक हो जाएगा। गोठड़ा से शनि मंदिर तक और वीआईपी घाट से जीवनखेड़ी ब्रिज तक के किनारे श्रद्धालुओं के लिए सुव्यवस्थित, सुरक्षित और सुंदर घाट विकसित किए जाएंगे। इन घाटों की चौड़ाई 15.6 मीटर होगी, जो स्नान, पूजा, आपदा प्रबंधन और भीड़ नियंत्रण की दृष्टि से मॉडल बनेंगे।

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