IND vs ENG: इंग्लैंड के साथ टीम इंडिया कर देगी बड़ा ‘खेल’, सामने आया चौंकाने वाला सच
भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का आगाज 20 जून से हो रहा है. इस सीरीज में इंग्लैंड को जीत का दावेदार बताया जा रहा है लेकिन अगर एक आंकड़ा आपके सामने रख दिया जाए तो आप समझ जाएंगे कि दरअसल अंग्रेज अपने ही घर में खतरे में हैं. इंग्लैंड की टीम अपने घर पर जरूर खेल रही है लेकिन यहां टीम इंडिया का पलड़ा भारी है. आपको ये बात हैरान कर रही होगी लेकिन आंकड़ो के हिसाब से ये बात एकदम सही नजर आती है. आइए बताते हैं कैसे?
अपने ही घर पर बेबस हैं ‘अंग्रेज’
इंग्लैंड क्रिकेट टीम की कमान जब से बेन स्टोक्स ने संभाली है ये टीम आक्रामक खेल दिखाती हुई नजर आती है. लेकिन उसकी यही आक्रामकता टीम को नुकसान भी पहुंचा रही है. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इंग्लैंड ने पिछले पांच सालों में अपने घर पर 11 टेस्ट सीरीज खेली हैं जिसमें से उसने सिर्फ एक टेस्ट सीरीज गंवाई है लेकिन इसके बावजूद उसका ये प्रदर्शन नाकाफी है, आइए बताते हैं कैसे.
कमजोर टीमों को हराती है इंग्लिश टीम!
दरअसल इंग्लैंड की अपने घर पर पिछले पांच सालों में जो भी टेस्ट सीरीज जीती हैं उसमें उसने बेहद कमजोर टीमों को हराया है. ये टीम 2020 में पाकिस्तान और वेस्टइंडीज से जीती. इसके अलावा उसने 2024 में वेस्टइंडीज और श्रीलंका को हराया. हाल ही में उसने जिम्बाब्वे को टेस्ट सीरीज में मात दी लेकिन बड़ी टीमों के खिलाफ ये टीम पानी मांगती नजर आई. भारत के खिलाफ साल 2021-22 में हुई सीरीज में इंग्लैंड की टीम ने 2-2 से ड्रॉ खेला. 2023 में हुई एशेज सीरीज भी 2-2 से ड्रॉ रही. 2021 में तो न्यूजीलैंड ने इंग्लैंड को 1-0 से हरा दिया. पिछले पांच सालों में इंग्लैंड की इस टीम ने साउथ अफ्रीका और न्यूजीलैंड को टेस्ट सीरीज में हराया है. साफ है बड़ी टीम के खिलाफ इंग्लैंड को जीतने में दिक्कत पेश आ रही है.
इंग्लैंड की टीम तो डरी हुई है!
इस आंकड़ों के बीच आप ये बात भी समझिए कि इंग्लैंड की टीम ने लीड्स टेस्ट के लिए हरी घसियाली विकेट की बजाए पाटा पिच मांगी है. इंग्लैंड की टीम चाहती है कि लीड्स में बल्लेबाजी थोड़ा आसान हो. इस डिमांड का ये मतलब है कि अंग्रेजों को भारतीय तेज गेंदबाजी यूनिट का खौफ है. क्योंकि मददगार पिच पर जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा कहर ढा सकते हैं. इनके अलावा शार्दुल ठाकुर, अर्शदीप सिंह भी स्क्वाड में मौजूद हैं. अब देखना ये है कि इंग्लैंड की ये रणनीति कितनी कारगर साबित होती है. यहां तो ऐसा ही लग रहा है कि कहीं अंग्रेजों का डर उन्हें लीड्स में ले ना डूबे.
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