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नशा तस्करों की फर्जी जमानत करवाने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 9 गिरफ्तार

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पटियाला: सी.आई.ए. स्टाफ पटियाला की पुलिस ने इंचार्ज इंस्पैक्टर प्रदीप सिंह बाजवा के नेतृत्व में एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए 150 से अधिक नशा तस्करों की फर्जी जमानतें करवाने वाले गिरोह के 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस संबंध में एस.एस.पी. वरुण शर्मा ने बताया कि डी.जी.पी. पंजाब के निर्देशों पर चल रही ‘युद्ध नशे विरुद्ध’ मुहिम के तहत एस.पी. इन्वैस्टिगेशन, डी.एस.पी. इन्वैस्टिगेशन राजेश मल्होत्रा और सी.आई.ए. स्टाफ के इंचार्ज इंस्पैक्टर प्रदीप सिंह बाजवा के नेतृत्व में इस मामले में रेनू कांत पुत्र मलूक दास निवासी पटियाला एनक्लेव सनौर।

इसके अतिरिक्त सतपाल उर्फ सनी पुत्र घनैया लाल निवासी गली नंबर 2, दशमेश नगर, कोटकपूरा रोड श्री मुक्तसर साहिब, गुरदीप सिंह उर्फ रवि पुत्र हरचंद सिंह निवासी गांव दित्तूपुर जट्टा, थाना भदसो, हाकम सिंह पुत्र चरण सिंह निवासी छज्जूभट्ट, थाना सदर नाभा, कुलविंदर सिंह उर्फ रोहित पुत्र निर्मल सिंह निवासी वार्ड नंबर 10 महावीर कॉलोनी भवानीगढ़। इसके अतिरिक्त संदीप सिंह उर्फ गग्गी पुत्र रणधीर सिंह निवासी वार्ड नंबर 5 बाबा संगतसर नगर, भवानीगढ़, लवप्रीत सिंह उर्फ लवी पुत्र बिकर सिंह निवासी वार्ड नंबर 9 भवानीगढ़, धीरा सिंह पुत्र लीला सिंह निवासी वार्ड नंबर 5 मोहल्ला बाबा संगतसर नगर, भवानीगढ़, जगदीप सिंह उर्फ दीप पुत्र रणधीर सिंह निवासी वार्ड नंबर 5 बाबा संगतसर नगर। इनके कब्जे से चार नकली मुहरें, 22 फर्द , आधार कार्ड, अन्य दस्तावेज, फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए सैमसंग टैब, मेमोरी कार्ड और एक आई 20 कार बरामद की गई है।

एस.एस.पी. ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि रेनू कांत ने एक गिरोह बनाया हुआ है जो जेल में बंद नशा तस्करों और अन्य गंभीर अपराधियों की जमानत करवाने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाता है और अदालती प्रणाली को गुमराह करता है। पुलिस ने इन लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता बी.एन.एस. की धारा 318 (4), 319 (2), 336 (3), 338, 340 (2), 111, 61(2) के तहत थाना लाहौरी गेट में मामला दर्ज किया है।

रेनू कांत, सतपाल उर्फ सनी, गुरदीप सिंह उर्फ रवि, हाकम सिंह, कुलविंदर सिंह उर्फ रोहित को बरादरी के पास लेबर कोर्ट के निकट से तथा संदीप सिंह उर्फ गग्गी, लवप्रीत सिंह उर्फ लवी, धीरा सिंह और जगदीप सिंह उर्फ दीप को पुराने बस अड्डा विकास नगर के पास से गिरफ्तार किया गया।

एस.एस.पी. वरुण शर्मा ने बताया कि इस गिरोह का मुख्य सरगना रेनू कांत है, और गिरोह के कई सदस्य पहले भी धोखाधड़ी व अन्य मामलों में केस झेल चुके हैं।

गिरोह के सदस्य जमानत के लिए माल महकमे से ऑनलाइन फरद निकालने हेतु टोकन लेते थे। फिर वे फर्जी तहसीलदार की मुहर और हस्ताक्षर से हल्का पटवारी की रिपोर्ट तैयार करते, साथ ही फर्जी पंच (ग्राम पंचायत सदस्य) के आधार कार्ड और बी.डी.पी.ओ. की मुहर व हस्ताक्षर भी बना लेते थे।

इसके बाद गिरोह के सदस्य के फोटो लगा कर फर्जी पहचान पत्र तैयार करते थे और इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट में जमानत करवा लेते थे। जांच में यह सामने आया कि इस गिरोह ने अब तक 150 से अधिक नशा तस्करों, हत्या के इरादे से जुड़े मामलों और अन्य गंभीर आरोपियों की फर्जी जमानतें करवाई हैं, जिससे वे जेल से बाहर आकर फिर से अपराध करने लगे।

जमानत प्रक्रिया के दौरान कोर्ट की वैबसाइट से जो ओ.टी.पी. जारी होता है, वह भी ये मिलीभगत और जालसाजी से हासिल कर लेते थे। इस बारे में गहन जांच की जा रही है। एस.एस.पी. ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों को अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड लिया जाएगा और उनसे और पूछताछ की जाएगी, जिससे और भी खुलासे होने की संभावना है।

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