केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की तमाम कोशिशों और तैयारियों के बावजूद भारत में वैश्विक महामारी कोरोना लगातार पैर पसार पसार रही है। देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 1100 के भी पार चली गई है। स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट के मुताबिक रविवार शाम तक देश में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 1120 तक पहुंच चुका है। इसमें 96 लोग ठीक हो चुके हैं और उनको छुट्टी दे दी गई है।
वहीं इस महामारी से 27 लोगों की जान चली गई है। महाराष्ट्र और केरल में मरीजों के आंकड़े बड़ी चिंता का कारण हैं। महाराष्ट्र और केरल को मिलाकर इन दो राज्यों में 400 से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। रविवार को पंजाब में कोरोना से एक और मौत हो गई। अगर लोग अभी भी न संभले तो देश में संक्रमितों और मौतों की संख्या बढ़ सकती है।
मजदूरों के लिए बसों का प्रबंध
देश में लॉकडाउन जारी है और सोमवार को इसका अभी छठा दिन है। लॉकडाउन के चलते ठप्प हुए रोजगार के कारण कई मजदूर अपने घरों को वापिस लौट रहे हैं लेकिन न बस और न रेल की सुविधा होने के कारण वे पैदल ही अपने गांवों की ओर पलायन कर रहे हैं ऐसे में राज्य सरकारों ने मजदूरों के लिए बसों का इंतजाम करवाया, ताकि मजदूर अपने घर जल्द से जल्द पहुंच सकें।
लॉकडाउन के बाद क्या
कोविड-19 को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन किया गया है जो कि 14 अप्रैल तक चलेगा। हालांकि कई विशेषज्ञों का मानना है कि लॉकडाउन से बात नहीं बनने वाली है और हमें आगे के कदम के लिए भी तैयार रहना चाहिए। कई जानकार कह रहे हैं कि लॉकडाउन से भारत में कोरोना के संक्रमण को खत्म नहीं किया जा सकता है। इसके लिए संदिग्ध लोगों के संपर्क में आए हर व्यक्ति तक पहुंचने के लिए जीपीएस जैसी तकनीकों का सहारा लेना होगा और इसके लिए देश की जनता को ही जागरूक होना होगा कि अगर वो ऐसे किसी व्यक्ति के संपर्क में आए हैं तो सरकार का सहयोग करे। वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि देश में कोविड-19 के टेस्ट के केंद्र और क्षमता और बढ़ानी होगी।
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