नई दिल्ली। भारतीय सेना ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे उस संदेश को फर्जी और दुर्भावनापूर्ण बताया है, जिसमें कहा जा रहा है कि अप्रैल के मध्य में आपातकाल की घोषणा हो सकती है। साथ ही उस खबरों को भी गलत बताया है कि नागरिकों की सहायता के लिए भारतीय सेना, दिग्गजों, राष्ट्रीय कैडेट कोर और राष्ट्रीय सेवा योजना को तैनात किया जाएगा। सेना ने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि यह खबरें पूरी तरह से फर्जी हैं।’ बता दें कि कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के मुताबिक, मंगलवार 24 मार्च रात 12 बजे से 21 दिनों का लॉकडाउन देशभर में है।
भारत में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन की घोषणा की गई है, क्योंकि कोविड-19 की अभी तक कोई दवा या वैक्सीन नहीं बनाई गई है। यह एक इंसान से दूसरे में फैलता है। इसलिए विश्व स्थास्थ्य संगठन के अनुसार फिलहाल सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग ही कोरोना वायरस से लड़ने का सबसे कारगर उपाय है। इसलिए दुनियाभर के कई देशों ने लॉकडाउन का रास्ता कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए अख्तियार किया है। इसका असर भी भारत समेत कई देशों में देखने को मिल रहा है। इटली, स्पेन और अमेरिका में जहां कोरोना वायरस के कैस 50 हजार का आंकड़ा पार कर रहे हैं, वहां भारत में अभी सिर्फ एक हजार का आंकड़ा ही पार हुआ है।
वैसे बता दें कि झूठे और भ्रमित करने वाले सोशल मीडिया मैसेज को सर्कुलेट करना कानूनन अपराध है। अगर कोई ऐसा करता है, तो उसे सजा भी हो सकती है। लेकिन इसके बावजूद कुछ लोग झूठे संदेश भेजते हैं, जिससे लोगों में भय पैदा होता है। कई बार ऐसे संदेश बड़ी मुसीबत खड़ी कर देते हैं। ऐसे कई लोग पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं। इसलिए कभी भूल कर भी ऐसे झूठे मैसेज को सर्कुलेट न करें और जो ऐसा कर रहा है उसे समझाएं।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन को बढ़ाए जाने की खबरों पर कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गौबा ने हैरानी जताई है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि लॉकडाउन को बढ़ाने का फिलहाल कोई विचार नहीं है। ऐसे संदेश बेबुनियाद हैं और सरकार ने अभी तक ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है।
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