Local & National News in Hindi

इधर रूस ने तालिबान को मान्यता, उधर बांग्लादेशी नेता ने कहा हमें भी चाहिए अफगान वाला निजाम

28

रूस ने एक ऐतिहासिक और चौंकाने वाला कदम उठाते हुए अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को औपचारिक मान्यता दे दी है. ये पहली बार है जब किसी देश ने सार्वजनिक रूप से तालिबान शासन को आधिकारिक दर्जा दिया है.

रूस के इस कदम के बीच बांग्लादेश में भी तालिबानी शैली की शासन व्यवस्था को लेकर बहस शुरू हो गई है. कट्टरपंथी इस्लामी समूह जमात-ए-चर मोनाई के नेता मुफ्ती सैयद मोहम्मद फैजुल करीम ने हाल ही में कहा है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो देश में शरिया कानून लागू किया जाएगा.

अगर सत्ता में आए तो तालिबान जैसा शासन लागू करेंगे

अमेरिका स्थित बांग्लादेशी पत्रकार खालिद मुहीउद्दीन को दिए एक इंटरव्यू में जमात-ए-चर मुनाई के प्रमुख मुफ्ती सैयद मोहम्मद फैजुल करीम ने साफ तौर पर कहा कि अगर उनकी पार्टी राष्ट्रीय चुनाव जीतती है, तो देश में शरिया कानून लागू किया जाएगा और अफगानिस्तान की तालिबानी शासन प्रणाली को अपनाया जाएगा.

करीम ने यह भी कहा कि हिंदुओं समेत अल्पसंख्यकों को भी शरिया कानून में अधिकार मिलेंगे, और साथ ही ईरान की अच्छी विचारधारा को भी अपनाने की बात कही. उनका ये बयान बांग्लादेश की धर्मनिरपेक्ष छवि के लिए गंभीर चुनौती माना जा रहा है.

अवामी लीग का आरोप: चुप क्यों है अंतरिम सरकार?

इस बयान के बाद अवामी लीग ने अंतरिम सरकार और उसके प्रमुख मोहम्मद यूनुस पर तीखा हमला बोला है. पार्टी ने सवाल किया कि “क्या अंतरिम सरकार की चुप्पी लापरवाही है या मिलीभगत?” अवामी लीग ने आरोप लगाया कि सत्ता परिवर्तन के बाद देश में मंदिरों पर हमले, महिलाओं को निशाना बनाना और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़े हैं.

‘खून से सना बांग्लादेश’, अवामी लीग का आरोप

आवामी लीग पार्टी ने यूनुस सरकार पर आरोप लगाया है. पार्टी ने कहा है कि पिछले महीने ही देश में मानवाधिकारों की भयावह स्थिति सामने आई. जून में 63 बलात्कार, जिनमें 17 सामूहिक बलात्कार, 7 पीड़ित विकलांग, 19 बच्चे और 23 किशोरियां शामिल थीं. इसके अलावा, 39 यौन उत्पीड़न और 51 हमलों की घटनाएं दर्ज हुईं. अवामी लीग ने इस स्थिति को खून से सना हुआ राष्ट्र बताया.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.