Local & National News in Hindi

मुहर्रम की छुट्टी पर है कंफ्यूजन? 7 जुलाई को खुले या बंद रहेंगे शेयर बाजार और बैंक?

33

भारत में हर साल मुहर्रम पर छुट्टी रहती है, लेकिन 2025 में इस बार एक खास भ्रम की स्थिति बन गई है. सोशल मीडिया और कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि 7 जुलाई (सोमवार) को मुहर्रम की छुट्टी के चलते बैंक और शेयर बाजार बंद रहेंगे. तो क्या वाकई ऐसा है?देशभर में इस समय एक सवाल लोगों को उलझन में डाल रहा है. क्या मुहर्रम की छुट्टी 6 जुलाई को होगी या 7 जुलाई को? इसकी वजह है चांद पर निर्भर इस्लामी कैलेंडर, जिसके चलते अब तक तय नहीं हो पाया है कि मुहर्रम किस दिन मनाया जाएगा.

छुट्टी की तारीख को लेकर कन्फ्यूजन क्यों?

मुहर्रम इस्लामी नववर्ष का पहला महीना होता है और इसकी 10वीं तारीख, जिसे ‘आशूरा’ कहा जाता है, को इमाम हुसैन की शहादत की याद में मनाया जाता है. इस दिन कई जगहों पर सरकारी दफ्तर, बैंक, स्कूल और बाजार बंद रहते हैं. 2025 में मुहर्रम 6 जुलाई (रविवार) या 7 जुलाई (सोमवार) को पड़ सकता है अंतिम पुष्टि चांद दिखने के बाद ही होगी. अगर 6 जुलाई को मुहर्रम होता है, तो अलग से छुट्टी नहीं मिलेगी क्योंकि वह दिन रविवार है यानी पहले से ही अवकाश रहेगा. लेकिन अगर 7 जुलाई को मुहर्रम मनाया जाता है, तो सोमवार को छुट्टी घोषित हो सकती है.

बैंक और सरकारी दफ्तर

अगर 7 जुलाई को मुहर्रम पड़ता है तो देश के कई हिस्सों में बैंक और सरकारी संस्थान बंद रहेंगे. खासतौर पर उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना जैसे राज्यों में छुट्टी की अधिसूचना आने की संभावना है.

क्या शेयर बाजार बंद रहेंगे?

6 जुलाई को तो वैसे भी रविवार है, जब बाजार बंद रहते हैं. 7 जुलाई को यदि मुहर्रम होता है और छुट्टी घोषित होती है, तो BSE और NSE सहित भारत के सभी प्रमुख शेयर बाजारों में कारोबार निलंबित रहेगा. ऐसे में इक्विटी और डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग, करेंसी और इंटरेस्ट रेट, डेरिवेटिव्स और सिक्योरिटीज लेंडिंग एंड बॉरोइंग (SLB) सर्विसेज बंद रह सकती हैं.

फिलहाल, शेयर बाजार के आधिकारिक ट्रेडिंग कैलेंडर में 7 जुलाई को कोई छुट्टी नहीं दिखाई गई है, लेकिन स्थिति चांद दिखने और सरकारी घोषणा पर निर्भर करेगी.

धार्मिक महत्व

मुहर्रम इस्लाम के चार पवित्र महीनों में से एक है. इस महीने की 10वीं तारीख को ‘आशूरा’ कहा जाता है इसी दिन 680 ईस्वी में इमाम हुसैन करबला की लड़ाई में शहीद हुए थे. शिया समुदाय इस दिन मातम और जुलूस निकालते हैं. देशभर में इसे श्रद्धा और गम के साथ मनाया जाता है.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.