थाने में पिटाई मामले में मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, आयोग ने डीजीपी और एसपी से दो सप्ताह में मांगा जवाब, इधर नाले में मिला नवजात, स्वस्थ्य
धार। जिले के थाने में एक आरोपी को नग्न कर एवं कुर्सी में बांधकर पिटाई मामले में प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने मानव अधिकार हनन से जुड़े तीन मामलों में संज्ञान लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है।
वहीं थाने में पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल भी हुआ था। खबर प्रकाशन के बाद मानव अधिकार आयोग ने इस मामले में डीजीपी और एसपी को दो सप्ताह में जवाब देने कहा है।
धार जिले के नालछा थाने में पुलिसकर्मियों की दबंगई का मामला सामने आया है। जिसमें स्थायी वारंटी की जगह निर्दोष युवक को पकड़ कर थाने लाकर लाॅकअप में बंद कर दिया। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने कपड़े उतारकर उसे रात भर पीटा। पति को छुड़ाने गई पत्नी के साथ भी अभद्रता कर उसके फोटो खीचे थे। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। पीड़ित ने आरोप लगाया कि पुलिस ने नशे में धुत होकर पिटाई की। बाद में नशा उतरने पर माफी मांगते हुए छोड़ दिया। मामला सामने आने के बाद एसपी ने इसकी जांच धामनोद एसडीओपी को सौंपी है।
दरअसल, पुलिस द्वारा स्थायी वारंटियों को पकड़ने के लिये जिलेभर में अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत पुलिस बगड़ी के पास गांव आली से सुनील उर्फ संजू को पकड़कर लाई थी, जो मजदूरी करने के लिए गया था। थाने की सूची में स्थायी वारंटी संजय पिता हीरालाल का नाम था। इस मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मध्यप्रदेश और पुलिस अधीक्षक, धार से दो सप्ताह में जवाब मांगा है।
इधर धार जिले के धामनोद में शासकीय हाई सेकंडरी स्कूल के सामने नवजात शिशु को नाली में फेंकने का मामला सामने आया है। सुबह-सुबह दूधवाले ने नवजात को नाली में पड़ा हुआ देखा और तुरंत सूचना पुलिस को दी। सूचना पर स्वास्थ विभाग व पुलिस मौके पर पहुंची। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा नवजात शिशु का प्राथमिक उपचार किया जा रहा है। डॉक्टर के अनुसार मासूम 2 दिन का है उसे उपचार के बाद धार रेफर कर दिया जाएगा। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है और इस नवजात की मां को खोजबीन जारी है।