Local & National News in Hindi

गुजरात पुल हादसे में अब तक 17 शव बरामद, 3 की तलाश जारी, 4 अधिकारियों पर गिरी गाज

34

गुजरात में वडोदरा और आणंद को जोड़ने वाला पुल टूटने के बाद अब तक महिसागर नदी से 17 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं. इस हादसे में एक ही परिवार के कई लोगों की जान चली गई है. अब इस हादसे में मरने वालों का आंकड़ा 17 हो गया है. सरकार ने इस मामले में तत्काल एक्शन लेते हुए गुजरात सड़क एवं भवन विभाग के चार इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया है. तीन लापता लोगों की तलाश अब भी जारी है.

बुधवार सुबह पादरा कस्बे के निकट गंभीरा गांव के पास चार दशक पुराने पुल का एक हिस्सा ढह जाने से कई वाहन महिसागर नदी में गिर गए. यह पुल आणंद और वडोदरा जिलों को जोड़ता है.

वडोदरा के जिलाधिकारी अनिल धमेलिया ने संवाददाताओं को बताया, तीन लोग अब भी लापता हैं और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और अन्य एजेंसियां शवों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चला रही हैं. अब तक 17 पीड़ितों के शव बरामद किए जा चुके हैं. पांच घायलों की हालत स्थिर है और उन्हें जल्द ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी.

बारिश बनी बड़ी चुनौती

बारिश और नदी में गहरे दलदल के कारण बचाव अभियान चुनौतीपूर्ण हो गया है. क्योंकि ऐसी स्थिति में कोई भी मशीन काम नहीं कर रही है. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल बृहस्पतिवार को पुल ढहने के सिलसिले में कार्रवाई करते हुए राज्य के सड़क और भवन विभाग के चार अभियंताओं को निलंबित कर दिया.

गुजरात में पहले भी हो चुके ऐसे हादसे

गुजरात में 2021 से अब तक पुल ढहने की कम से कम छह बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं. सबसे भयावह घटना अक्टूबर 2022 में तब घटी जब मोरबी शहर में मच्छु नदी पर बने ब्रिटिशकालीन झूला पुल के ढह जाने से 135 लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे के बाद से ही सरकार एक्शन मोड में है. यही कारण है कि सरकार ने आनन-फानन में 4 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है.

पुराना वीडियो हो रहा वायरल

पुल ढहने के बाद सोशल मीडिया मंच पर एक तीन साल पुराना ऑडियो क्लिप वायरल हो रहा है, जिसमें सामाजिक कार्यकर्ता लखन दरबार, जो युवा सेना संगठन चलाते हैं, को सड़क और भवन विभाग के एक अधिकारी से पुल की मरम्मत करने या नया पुल बनाने का आग्रह करते हुए सुना जा सकता है. दरबार ने अधिकारी को बताया कि वडोदरा जिला पंचायत सदस्य हर्षदसिंह परमार ने भी विभाग को पत्र भेजकर चार दशक पहले बने पुल की स्थिति पर चिंता व्यक्त की थी.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.