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शहडोल से शर्मनाक तस्वीर: बच्चों की थाली में परोसी जा रही ‘पानी वाली दाल’, सब्जी में ढूंढे नहीं मिला रहा आलू

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शहडोल। मध्यप्रदेश सरकार बच्चों के पोषण के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। शहडोल जिले से सामने आई एक तस्वीर ने फिर एक बार सरकारी योजनाओं की जमीनी सच्चाई को उजागर कर दिया है। मामला ब्यौहारी ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय बराबघेलहा का है, जहां बच्चों की थाली में ‘मध्यान्ह भोजन’ के नाम पर सिर्फ़ पीला पानी और कुछ आलू के टुकड़े परोसे जा रहे हैं। इस शर्मनाक हालात का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि बच्चों की थाली में जो दाल दी जा रही है, वह इतनी पतली है कि यह तय करना मुश्किल है कि वह वास्तव में दाल है, सब्जी है या सिर्फ़ रंगीन पानी।

जिले के अंतिम छोर ब्यौहारी ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय बराबघेलहा से एक बेहद ही चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है। जहां बच्चों की थाली में जिस दाल को परोसा गया है, वह इतनी पतली है कि ये तय कर पाना मुश्किल है कि वह दाल है या कोई सब्ज़ी, हल्के पीले रंग के उस तरल पदार्थ में बमुश्किल कुछ आलू के टुकड़े दिख रहे हैं, बाकी सिर्फ़ पानी, यह दृश्य न केवल पोषण की अनदेखी दर्शाता है, बल्कि शासकीय योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार की भी पोल खोलता है।

मध्यान भोजन के नाम पर बच्चों को सिर्फ़ पानी और हल्का पीला रंग दिया जा रहा है। ये दाल है भी या कोई सब्जी या फिर सिर्फ़ पानी में तैरते चंद आलू के टुकड़े, तस्वीरें साफ़ बता रही हैं कि किस तरह मासूम बच्चों की थाली में परोसी जा रही है पोषण आहार , इसे  कोई दाल कहे या सब्ज़ी, हकीकत में वो भूख और अपमान का ज़हर है।इस पूरे मामले में क्वालिटी मॉनिटर, मध्यान्ह भोजन योजना, जिला पंचायत शहडोल आभा खरे का कहना है कि यदि मध्यान भोजन में गड़बड़ी हुई है तो मामले की जांच कराई जाएगी।

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