Local & National News in Hindi

नर्स निमिषा प्रिया को माफ करने के लिए साढ़े 8 करोड़ रुपए भी लेने को क्यों राजी नहीं पीड़ित परिवार?

25

यमन जेल में बंद निमिषा प्रिया को सजा ए मौत से बचाने के लिए दिल्ली से सना तक हलचल तेज है. भारत सरकार के अधिकारियों से लेकर मुस्लिम धर्मगुरु तक इस मामले में एक्टिव है, लेकिन अब तक ब्लड मनी को लेकर बात नहीं बन रही है. ब्लड मनी ही वो आखिरी सहारा है, जिससे निमिषा प्रिया की जान बच सकती है.

निमिषा प्रिया पर अपने बिजनेस पार्टनर अब्दो महदी की हत्या का आरोप है. इसी मामले में निमिषा को फांसी की सजा सुनाई गई है. यमन के शरिया कानून के मुताबिक अगर महदी का परिवार ब्लड मनी को लेकर राजी हो जाता है तो निमिषा को जेल से रिहा कर दिया जाएगा.

परिवार 8.5 करोड़ रुपए देने को राजी

निमिषा के परिवार ने बतौर ब्लड मनी 8.5 करोड़ रुपए (1 मिलियन डॉलर) देने की पेशकश की है. पैसे जुटा भी लिए गए हैं, लेकिन अब्दो का परिवार इसको लेकर अब तक राजी नहीं है.

सवाल उठ रहा है कि आखिर अब्दो का परिवार इसे क्यों नहीं मान रहा है? क्या अब्दो महदी के परिवार को यह रकम कम लग रही है या उस पर कोई और ही दबाव है?

पूरे केस में हूती विद्रोही एक्टिव

निमिषा प्रिया केस में हूती विद्रोहियों का एक्टिव होना मुश्किलों का कारण बन गया है. सोमवार (14 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने इसके संकेत भी दिए. अटॉर्नी ने कहा कि हूती विद्रोहियों ने इसे सम्मान से जोड़ लिया है.

अब्दो महदी परिवार और हूती के विद्रोही ब्लड मनी पर बात नहीं कर रहे हैं. इसलिए यह मामला आगे नहीं बढ़ पा रहा है. सरकार की कोशिश जारी है. परिवार भी वहीं पर है और बात चल रही है.

हूती विद्रोहियो को मनाने के लिए सुन्नी समुदाय के ग्रांड मुफ्ती ने केरल में डेरा डाल दिया है. ग्रांड मुफ्ती अबूबकर मुसलियार ने यमन के धर्मगुरु के साथ बंद कमरे में मुलाकात की है.

इसलिए भी हूती केस में बड़ा अड़ंगा

निमिषा प्रिया को भारत इसलिए भी नहीं बचा पा रहा है. क्योंकि हूती यमन में एक्टिव है और उसकी वजह से यमन की राजधानी में भारत का कोई दूतावास नहीं है. हूती के विद्रोही पिछले 6 साल से यमन और उसके आसपास तांडव मचा रहे हैं.

भारतीय दूतावास सऊदी के रियाद से इस पूरे प्रकरण को मॉनिटर करने की कवायद कर रहा है, लेकिन हूती के रिश्ते सऊदी से भी ठीक नहीं है. हूती सऊदी को अमेरिका का पिट्ठू मानता है और उसके खिलाफ हर वक्त मोर्चा खोले रखता है.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.