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नैना देवी मंदिर में लाउडस्पीकर, ढोल-नगाड़े और बैंड बजाने पर लगा बैन… जानें क्या है कारण?

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हिमाचल प्रदेश के श्री नैना देवी मंदिर परिसर के अंदर श्रावण अष्टमी के मेले के दौरान लाउडस्पीकर, ढोल और बैंड सुनाई नहीं देगा. ऐसा इसलिए क्योंकि श्री नैना देवी परिसर में मेले के दौरान इन चीजों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. रविवार को एक बयान जारी कर जिला प्रशासन की ओर से इस बारे में जानकारी दी गई. श्रावण अष्टमी के मेले की शुरुआत 25 जुलाई से होगी और ये मेला तीन जून तक चलेगा.

बिलासपुर के जिला मजिस्ट्रेट राहुल कुमार ने आदेश जारी किया. आदेश जारी करते हुए उनकी ओर से कहा गया कि श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और स्वच्छता को मद्देनजर रखते हुए ये फैसला लिया गया है. आदेश में ये भी कहा गया कि मंदिर में हलवा, नारियल और प्रसाद चढ़ाने के लिए बांस की टोकरियों के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.

श्रद्धालुओं से की गई ये अपील

प्रसाशन की ओर से जो बयान जारी किया गया है, उसमें कहा गया है कि मेले के दौरान ध्वनि से जुड़े जो ऐलान होंगे वो सिर्फ कंट्रोल रूम के जरिये किए जाएंगे. इसके अलावा श्रद्धालुओं से प्रसाशन के द्वारा बनाए गए सभी नियमों का पालन करने, मंदिर परिसर में शांतिपूर्ण और अनुशासित वातावरण रखने में सहयोग करने की अपील की गई है.

मेले में 500 होम गार्ड जवानों की तैनाती

प्रशासन की ओर से मेले के दौरान भीड़ को कंट्रोल करने और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के भी सभी इंतजाम किए गए हैं. मेले में 500 होम गार्ड के जवानों की तैनाती का निर्देश बिलासपुर के होम गार्ड, फिफ्थ कॉर्प्स को दिया गया है. इन गार्डों में महिला गार्ड्स भी होंगी. इन होम गार्डों के वेतन-भत्ते मंदिर ट्रस्ट देगा. मेले के दौरान टोवा से श्री नैना देवी मंदिर तक भारी वाहनों की आवाजाही नहीं रहेगी. इस पर भी प्रतिबंध है.

अगर कोई सवारियों से भरा ट्रैक्टर, ट्रक या टैंपो मिलता है, तो उसे प्रदेश की सीमा (जैसे गड़मोड़ा और ग्वालथाई, भाखड़ा) पर रोक दिया जाएगा. फिर सवारियों को बसों या टैक्सी से आगे जाना होगा.

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