मानसून का मौसम गर्मी से राहत तो देता है, लेकिन इस दौरान वातावरण में नमी की वजह से बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं, इसलिए सेहत के साथ बालों और त्वचा से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ जाती हैं. इस मौसम में पिंपल्स (मुंहासे) की समस्या कई लोगों को परेशान करती है. जब हवा में नमी ज्यादा बढ़ जाती है, तो त्वचा से ज्यादा तेल (ऑयल) निकलने लगता है और यह पसीने और गंदगी के साथ मिलता है तो पोर्स बंद हो जाते हैं जिससे पिंपल्स के साथ ही ब्लैकहेड्स होने लगते हैं. इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण वातावरण में बढ़ी हुई नमी (ह्यूमिडिटी) की वजह से स्किन में होने वाला एक्स्ट्रा सीबम का प्रोडक्शन के साथ ही बैक्टीरिया होते हैं. इस दौरान छोटी-छोटी सावधानियों को बरतने के साथ ही एंटीबैक्टीरियल फेस पैक अगर हफ्ते में दो बार लगाया जाए तो आप पिंपल्स की समस्या से बचे रह सकते हैं.
मानसून में पिंपल्स या फिर त्वचा से जुड़ी समस्याएं ज्यादा होने की दूसरी वजह यह भी होती है कि बारिश का पानी अक्सर गंदा और प्रदूषित होता है और जब यह त्वचा के संपर्क में आता है तो बैक्टीरिया त्वचा पर संक्रमण फैला सकते हैं. कई बार लोग गीले चेहरे को बार-बार हाथ से छूते हैं या त्वचा को सही से सुखाते नहीं हैं. इससे भी मुंहासों की समस्या बढ़ जाती है. चलिए जान लेते हैं नेचुरल एंटीबैक्टीरियल फेस पैक बनाने और लगाने का तरीका.
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