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मुंबई के बीच पर सुबह-सुबह ऐसा क्या हुआ कि मच गया हड़कंप?

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मुंबई से सटे वसई के कलम बीच पर कंटेनर मिलने से हड़कंप मच गया. वसई के कलम बीच पर मंगलवार को सुबह एक बड़ा कंटेनर बहकर किनारे पर आया. इस घटना से तट पर मौजूद स्थानीय नागरिकों में हड़कंप मच गया. सभी लोग कंटेनर को देखर दहशत में आ गए.

यह कंटेनर लहरों के साथ किनारे पर आया था और इसके अंदर क्या था, इसकी जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है. स्थानीय मछुआरों ने तुरंत इस मामले की जानकारी स्थानीय पुलिस और प्रशासन को दी. प्रशासन तुरंत मौके पर पहुंच गया और जांच शुरू कर दी.

कंटेनर को लेकर जांच जारी

सुरक्षा को देखते हुए नागरिकों से कंटेनर के पास न जाने की अपील की गई है. पुलिस और तटरक्षक बल ने घटनास्थल पर सुरक्षा बढ़ा दी है और कंटेनर के मूल स्रोत का पता लगाने के लिए जांच जारी है.स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों से संयम बरतने और आधिकारिक जानकारी मिलने तक अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की है.

5 दिन पहले भी मिला था कंटेनर

इससे पहले भी ऐसा ही एक कंटेनर मिला था . मुंबई को नवी मुंबई न्हावा शेवा बंदरगाह पर ऐसा ही एक कंटेनर मिला था. इस कंटेनर में 13.18 करोड़ रुपये मूल्य की विदेशी सिगरेट की तस्करी मिली थी. राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) की मुंबई क्षेत्रीय इकाई ने विदेशी मूल की सिगरेटों की एक बड़ी खेप की तस्करी को विफल करते हुए न्हावा शेवा बंदरगाह पर कंटेनर को जब्त कर लिया था.

गुप्त सूचना के आधार पर की गई कार्रवाई में डीआरआई अधिकारियों ने TOP GUN ब्रांड की 1,014 पेटियों में भरकर लाई गई 1,01,40,000 सिगरेट स्टिक बरामद की हैं, जिनकी अनुमानित कीमत ₹13.18 करोड़ रुपये आंकी गई है. तस्करों ने इस तस्करी को अंजाम देने के लिए सिगरेट के इस खेप को “कोटेड कैल्शियम कार्बोनेट” बताकर घोषित किया था, ताकि यह वैध आयात लगे और अधिकारियों को गुमराह किया जा सके. इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है जिसे माननीय न्यायालय ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. डीआरआई ने इस खेप को कस्टम्स अधिनियम के प्रावधानों के तहत जब्त कर लिया है.

विदेशी मूल की सिगरेटों की तस्करी न सिर्फ सरकार को भारी राजस्व नुकसान पहुंचाती है बल्कि देश के तंबाकू उद्योग में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को भी प्रभावित करती है. साथ ही, यह जनस्वास्थ्य के लिए भी एक गंभीर खतरा है. ऐसी तस्करी की गई सिगरेटें अक्सर COTPA अधिनियम के तहत निर्धारित स्वास्थ्य संबंधी चेतावनियों और घटक जानकारी जैसे नियमों का पालन नहीं करतीं, जिससे खासकर युवा और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को असुरक्षित और अधिक हानिकारक उत्पादों का सेवन करना पड़ता है.

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