संविधान में समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष पर RSS ने उठाए थे सवाल, क्या है सरकार का रुख? संसद में मिल गया जवाब
सरकार ने संसद में कहा कि संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्दों पर पुनर्विचार करने या उन्हें हटाने की वर्तमान में कोई योजना नहीं है. सरकार ने यह भी कहा कि उसने संविधान की प्रस्तावना से इन दोनों शब्दों को हटाने के लिए औपचारिक रूप से कोई कानूनी या संवैधानिक प्रक्रिया नहीं शुरू की है. इस बात की जानकारी कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी.
उन्होंने कहा कि कुछ सार्वजनिक या राजनीतिक क्षेत्रों में इस पर चर्चा या बहस हो सकती है, लेकिन इन शब्दों के संशोधन के संबंध में सरकार द्वारा किसी औपचारिक फैसले या प्रस्ताव की घोषणा नहीं की गई है.
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