पटनाः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बिहार विधान परिषद के सदस्य प्रेमचंद्र मिश्रा ने गोपालगंज और पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया में जहरीली शराब पीने से 23 लोगों की मौत पर दुख जताते हुए इसे सरकार की विफलता बताया। साथ ही कहा कि सरकार को शराबबंदी कानून की फिर से समीक्षा करनी चाहिए।
प्रेमचंद्र मिश्रा ने शुक्रवार को यहां कहा कि गोपालगंज और बेतिया में जहरीली शराब पीने से 23 लोगों की मौत इस बात का प्रमाण है कि यहां लागू शराबबंदी कानून पूरी तरह से विफल साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तुरंत इसकी समीक्षा और इसपर पुनर्विचार करने की जरूरत पर गौर करना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने विभागीय मंत्री पर इस पूरे मामले को लेकर गलतबयानी करने का आरोप लगाया और कहा कि शराब के अवैध कारोबार और तस्करी को रोकने में सरकार विफल साबित हो रही है। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह पुलिस और प्रसाशनिक विफलता का परिणाम नहीं है और आखिर शराब के कारण लगातार इतने लोगों की मौत की जिम्मेदारी कब तय होगी। प्रेमचंद्र मिश्रा ने अवैध शराब के धंधे तथा तस्करी में शामिल और कानून के उल्लंघन करने के मामले में तीन लाख लोगों की गिरफ्तारी संबंधी सरकार के दावे को असत्य एवं आधारहीन बताते हुए मंत्री से पूछा कि जब बिहार की जेलों की क्षमता मात्र 50 हजार कैदियों को रखने की है तो 3 लाख लोग, जो मात्र शराबबंदी कानून के उल्लंघन में गिरफ्तार किये गए हैं उन्हें कहां रखा गया है।
कांग्रेस के विधान पार्षद ने कहा कि अपनी विफलताओं को छुपाने तथा लोगों को भ्रमित करने के लिए मंत्री गलतबयानी कर रहे हैं इससे उन्हें बचना चाहिए तथा ऐसे ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि अवैध कारोबार और शराब की तस्करी पर रोक लग सके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शराबबंदी कानून तथा उसके प्रावधानों की समीक्षा की जरूरत की पक्षधर है तथा पार्टी का मानना है कि बिहार में यह कानून फेल हो चुका है तथा मुख्यमंत्री को इस संबंध में गौर कर उचित कदम उठाना चाहिए।