मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने माना, शराबबंदी लागू करने में स्थानीय स्तर पर हुई चूक; जांच करेगी एसआइटी

पटना। गोपालगंज और पश्चिम चंपारण जिला में जहरीली शराब से हुई मौत की जांच स्पेशल टास्क फोर्स (एसआइटी) करेगी। शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि खजूरबन्नी केस की तरह इस मामले में भी आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में ट्रायल चलाकर सख्त सजा दिलाने की पूरी कोशिश होगी। मंत्री ने माना कि इस मामले में कहीं न कहीं स्थानीय स्तर पर चूक हुई है। संभव है कि आसपास अवैध शराब बनाया जा रहा हो, यह जांच का विषय है। दोनों ही जिलों में डीएम और एसपी ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है। छापेमारी के बाद कुछ गिरफ्तारी भी हुई है। घटनास्थल से जुड़े दोनों ही थानों के थानेदारों को निलंबित कर दिया गया है। गोपालगंज के महमदपुर में कुछ शराब की पाउच भी मिली है, जिन्हें जांच के लिए भेजा गया है।
मंत्री ने कहा, अब तक 21 मौत की पुष्टि, होगी विसरा जांच
मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि अब तक 21 मौत की पुष्टि हुई है। इसमें गोपालगंज में 11, जबकि बेतिया में 10 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से संभावित मानी जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और विसरा जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि मौत जहरीली शराब से ही हुई है या नहीं।

लोगों के लिए घटना सबक की तरह
मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि लोगों को भी समझना चाहिए कि शराब पीना कानूनन अपराध है। इसको लेकर बार-बार सचेत भी किया जाता रहा है। लोगों को समझना होगा कि शराब पीने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। यह मांग और आपूर्ति का मामला है। यह घटना लोगों के लिए सबक होना चाहिए।
शराबबंदी पर फिलहाल पुनर्विचार नहीं
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि शराबबंदी पर फिलहाल पुनर्विचार का कोई सवाल नहीं है। बिहार के दोनों ही सदनों से यह सर्वसम्मति से पास हुआ है और फिर कानून बनाया गया है। उन्होंने कहा कि चोरी-डकैती के लिए भी अंग्रेजों के समय से कानून बने हैं, फिर भी कुछ लोग अपराध करते ही हैं। पुलिस और प्रशासन इस मामले को लेकर लगातार कार्रवाई करता रहा है और आगे भी शराबबंदी का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।